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यहां बंद स्कूल के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में लगा दी ड्यूटी, जानिए

शिक्षा व्यवस्था का भी गजब हाल है। दरअसल जो स्कूल बंद हो चुका है उस स्कूल के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में तैनाती कर दी।

By Edited By: Updated: Sat, 02 Mar 2019 08:36 AM (IST)
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यहां बंद स्कूल के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में लगा दी ड्यूटी, जानिए
रायवाला, दीपक जोशी। वैसे तो शिक्षा विभाग अपने अनोखे कारनामों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है, पर इस बार तो अधिकारियों की कार्यशैली ने बोर्ड परीक्षा सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए। श्यामपुर के एक ऐसे स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में लगाई गई है जो तीन साल पहले बंद हो चुका है। इतना ही नहीं कई स्कूलों को कार्यरत से अधिक शिक्षक भेजने तो कुछ को एक ही दिन पर अलग-अलग स्कूलों में ड्यूटी देने का फरमान भी दिया गया है। 

उत्तराखंड की हाईस्कूल व इंटर कक्षाओं की बोर्ड की परीक्षा एक मार्च से शुरू हो गर्इ हैं। इसके लिए विभाग हर प्रकार की तैयारी का दावा कर रहा है, लेकिन डोईवाला ब्लॉक में सूरतेहाल न केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि सिस्टम पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। ब्राइटहोम नाम के एक स्कूल के चार शिक्षकों की ड्यूटी हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज ऋषिकेश में लगाई गई है। 

केंद्र व्यवस्थापक जब इस स्कूल को ढूंढने निकले तो पता चला कि यह तो तीन साल पहले बंद हो चुका है। वहीं, राइंका खदरी, गढ़ी श्यामपुर, उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय शेरगढ़ व गौहरीमाफी के ज्यादातर शिक्षकों को एक ही दिन पर अलग-अलग स्कूलों में ड्यूटी दी गयी है। कई प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें कार्यरत एक मात्र सहायक अध्यापक को बोर्ड ड्यूटी पर लगा दिया गया है। ऐसे में विद्यालय की शिक्षण गतिविधियां ठप होनी स्वाभाविक है। 

परीक्षा नहीं सुविधा को प्राथमिकता

कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी सुविधानुसार से घर के पास के विद्यालयों में ड्यूटी लगवा दी है। इनमें ज्यादातर शिक्षकों की पसंद देहरादून व ऋषिकेश शहर है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर बोर्ड परीक्षा केंद्र निजी स्कूल के शिक्षकों के भरोसे हैं। इस काम में ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों ने खूब दरियादिली दिखाई है। वजह जो भी हो, लेकिन पूरे सिस्टम में परीक्षा को प्राथमिकता के बजाए शिक्षक की सुविधा अधिक नजर आती है। 

14 किलोमीटर दूर दिव्यांग शिक्षक की ड्यूटी 

जहां एक तरफ कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी में खूब दरियादिली दिखाई गई वहीं मानकों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई हैं। राइंका गढ़ी में कार्यरत एक दिव्यांग शिक्षक की ड्यूटी 14 किलोमीटर दूर राइंका हरिपुरकलां में लगाई है। जबकि नियमानुसार सामान्य परिस्थिति में आठ किलोमीटर के दायरे में ही कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगती है। लेकिन अधिकारियों ने मानक और मानवता दोनों को दरकिनार कर डाला। 

बिन कक्ष निरीक्षक कैसे होगी परीक्षा

रांमका हरिपुरकलां में खदरी से चार, गढ़ी से दो, रायवाला से चार, गौहरीमाफी से दो, शिवा नेशनल से चार, एसडीएम प्रतीतनगर से दो, आइडीपीएल से दो समेत कुल 20 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगी है लेकिन बुधवार को मीटिंग में केवल आठ ने उपस्थिति दी। बाकी ने दूसरी जगह ड्यूटी होने का हवाला देकर आने से इंकार कर दिया। ऐसे में गुरूवार को होने वाली परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों का टोटा हो गया है। 

प्रधानाचार्य डॉ. अजय शेखर बहुगुणा ने बताया कि इसकी सूचना खण्ड व मुख्य शिक्षा अधिकारी को दी गयी है। कक्ष निरीक्षकों के न पहुंचने से दिक्कत पैदा होना स्वाभाविक है। पहले दिन इंटर हिंदी की परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षा का पहला पेपर इंटर हिंदी का है। राइंका रायवाला के प्रधानाचार्य एलएस यादव व छिद्दरवाला के प्रधानाचार्य डॉ. आरबी सिंह ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। खण्ड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार खण्ड शिक्षा अधिकारी डोईवाला से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। 

वहीं, देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली ने बताया कि ड्यूटी से सम्बंध में पूरी जवाबदेही खण्ड शिक्षा अधिकारी की है। कोई समस्या हो तो प्रधानाचार्य मुझसे सीधे भी संपर्क कर सकते हैं। अभी तक किसी तरह की दिक्कत जानकारी में नहीं आयी है।

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