आस्था पथ को जोड़ने वाले पुल को कुंभ का इंतजार, पढ़िए पूरी खबर
ऋषिकेश और राम झूला मुनिकीरेती को गंगा के किनारे आस्था पथ के जरिए जोड़ने की बातें तो बहुत हुई मगर धरातल पर काम नहीं हुआ।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:08 PM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश और राम झूला मुनिकीरेती को गंगा के किनारे आस्था पथ के जरिए जोड़ने की बातें तो बहुत हुई मगर, धरातल पर काम नहीं हुआ। वर्ष 2010 से कुंभ मेला बजट से यहां पुल के निर्माण की बात चल रही है। अब वर्ष 2022 में कुंभ आने वाला है, जिसके लिए पुल का इंतजार है।
जनपद टिहरी के अंतर्गत मुनिकीरेती क्षेत्र में सिंचाई विभाग ने आस्था पथ का निर्माण कराया था। जनपद देहरादून के ऋषिकेश क्षेत्र में भी नाव घाट से लेकर बैराज तक करीब चार किलोमीटर लंबे आस्था पथ का निर्माण कई वर्ष पूर्व हो गया था। दो जनपदों को आस्था पथ के जरिए जोड़ने वाले पुल का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। चंद्रभागा नदी चंद्रेश्वर नगर के समीप गंगा में मिलती है।यहां नदी के दोनों किनारों तक आस्था पथ का निर्माण हो चुका है, लेकिन पुल के जरिए आस्था पथ अब तक एक दूसरे से नहीं जुड़ पाए हैं। सरकारी सिस्टम में उलझी पुल निर्माण की फाइल पिछले नौ वर्षों से कभी शासन तो कभी कुंभ मेला प्रशासन के यहां घूम रही है। इस पुल के बनने से सबसे ज्यादा फायदा दोनों क्षेत्र के लोगों को आस्था पथ के जरिए आवागमन के रूप में होगा। ऋषिकेश से राम झूला पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह पुल लाभकारी होगा।अभी लोग सड़क मार्ग से राम झूला जाते हैं।
2010 के कुंभ में भी भेजा था प्रस्तावइस पुल के निर्माण का सबसे पहले प्रस्ताव वर्ष 2010 के कुंभ में भेजा गया था मगर इस प्रस्ताव की अनदेखी हुई। छह वर्ष बाद 2016 में अर्धकुंभ आयोजित हुआ। इसमें भी इस पुल का प्रस्ताव भेजा गया जिसे स्वीकृति नहीं मिल पाई। अब फिर से वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले महाकुंभ के बजट में इस पुल के निर्माण का प्रस्ताव सिंचाई विभाग निर्माण खंड ऋषिकेश के द्वारा मुख्यालय के जरिए भेजा गया है।
मेलाधिकारी कर चुके हैं निरीक्षणकुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने एक माह पूर्व विभागीय अधिकारियों के साथ प्रस्तावित योजनाओं का मौके पर निरीक्षण किया था। उन्होंने प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रस्तावित पुल निर्माण स्थल के आसपास गंदगी का निस्तारण किया जाए। यहां आस-पास मलिन बस्ती के रूप में अवैध रूप से झुग्गी झोपड़ी बनी थी। जिसे नगर निगम और प्रशासन ने हटवा दिया है।
कांच के पुल का दिखाया सपनाअधिकारियों ने दावा किया था कि चंद्रभागा नदी के ऊपर बनने वाले फूल को कांच का बनाया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक और श्रद्धालु यहां पर आए मगर धरातल पर अभी गाटर पुल का ही प्रस्ताव तैयार किया गया है। मेलाधिकारी वर्ष 2021 तक पुल निर्माण की बात कह चुके हैं।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 20.77 हजार किमी नई सड़कें, पढ़िए पूरी खबर
अनुभव नौटियाल (सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग निर्माण खंड) का कहना है कि विभाग की ओर से इस पुल के निर्माण के लिए विस्तृत प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय के जरिए शासन को भेजा गया है। अभी शासन से डीपीआर को मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर काम संभव हो पाएगा।यह भी पढ़ें: इस खूनी फ्लाइओवर में रफ्तार पर ब्रेक लगाने को अब स्पीड ब्रेकर
अनीता ममगाईं (महापौर नगर निगम) का कहना है कि संबंधित क्षेत्र के लिए पुल का निर्माण बहुत जरूरी है। इसके लिए हमने कुंभ मेला अधिकारी से बात भी की थी। मेला प्रशासन की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि पुल के लिए आठ करोड़ रुपए मंजूर किए जा रहे हैं। यह कार्य किस स्तर तक पहुंचा है इसके लिए मेला प्रशासन से बात की जाएगी।यह भी पढ़ें: देहरादून में फ्लाईओवर पर अटके सीएम के आदेश, पढ़िए पूरी खबर
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