सदन में गूंजा जहरीली शराब से मौतों का मामला, विपक्ष ने किया बहिष्कार
हरिद्वार जिले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत के मामले में विपक्ष कांग्रेस ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन के भीतर जम कर हंगामा किया।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:20 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार जिले में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत के मामले में विपक्ष कांग्रेस ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन के भीतर जम कर हंगामा किया। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर इस मामले में गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की और सदन से वाकआउट किया। दोपहर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी कांग्रेस विधायक सदन में नहीं आए।
सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों ने हरिद्वार जिले में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के मामले में नारेबाजी शुरू कर दी। सरकार पर शराब माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री के इस्तीफे व सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर वेल में आ गए। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां भी पकड़ी हुई थीं। इनमें सरकार के इस्तीफे की मांग, युवाओं को शराब की जगह रोजगार व सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे। कांग्रेस विधायक इसके बाद सदन के बाहर विधानसभा परिसर में सीढिय़ों पर धरने पर बैठ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करते रहे। राज्यपाल के विधानसभा से रवाना होने के बाद ही उनका धरना समाप्त हुआ।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रदेश में शर्मनाक व दर्दनाक प्रकरण हुआ है। सरकार ने अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। निचले स्तर के कार्मिकों पर कार्रवाई कर सरकार बड़े अधिकारियों को बचाने में लगी हुई है। दो प्रदेशों में सौ से अधिक लोगों की मृत्यु होने के बावजूद केंद्र व प्रदेश की सरकारें इस मामले से बचने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे या फिर इसे बर्खास्त किया जाए।
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता के मद में चूर है और उसे प्रदेश में होने वाली घटनाओं से कोई सरोकार नहीं है। जहरीली शराब प्रकरण में सरकार का रवैया संवेदनहीन है। घटना संज्ञान में आने के तुरंत बाद प्रशासन का कोई नुमाइंदा तक पीडि़तों की मदद करने नहीं आया। कांग्रेस की मांग है कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और जिस पीड़ित परिवार में कोई कमाऊ व्यक्ति नहीं है, उसके एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
धरने पर बैठने वाले कांग्रेस विधायकों में गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह, करण माहरा, काजी निजामुद्दीन, हरीश धामी, ममता राकेश, आदेश चौहान, राजकुमार, मनोज रावत और फुरकान अहमद शामिल थे।अभिभाषण की शुरुआत के समय को लेकर हंगामा
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का अभिभाषण शुरू होने के समय को लेकर विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष कांग्रेस के विधायकों ने आरोप लगाया कि तय समय से पहले राज्यपाल का अभिभाषण शुरू कराकर सरकार ने संसदीय परंपराओं का पालन नहीं किया है। वहीं, सरकार ने इसे राज्यपाल के प्रोटोकॉल का मसला बताते हुए अपना पक्ष रखा।बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सुबह 10.55 बजे सदन में आईं और राष्ट्रगान के बाद उन्होंने अभिभाषण शुरू किया। इस दौरान सदन में विपक्ष कांग्रेस से केवल विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल उपस्थित थे। इसके कुछ देर ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश समेत अन्य कांग्रेस विधायक सदन में पहुंचे।
इस दौरान उनका ध्यान सदन के भीतर लगी घड़ी पर गया। घड़ी में 11 बजने में कुछ समय शेष था। इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। बाद में सदन के बाहर भी कांग्रेस ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उनके 45 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा कभी नहीं हुआ।
यह सदन, संसदीय परंपरा और संविधान का अपमान है। उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा ने कहा कि विधायकों को राज्यपाल के अभिभाषण का समय 11 बजे का दिया गया था। इससे पहले ही अभिभाषण शुरू हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के विधायकों को अभिभाषण सुनने से रोकने और जहरीली शराब के मामले को भटकाने के लिए सरकार ने राज्यपाल का अभिभाषण पहले कराया। यह संभवतया देश का पहला प्रकरण है, जिसमें सारी मर्यादाओं को तोड़ा गया। उधर, इस प्रकरण पर सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह औपचारिक कार्यक्रम था। यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं था। राज्यपाल के प्रोटोकॉल के हिसाब से उन्हें सदन में रोका नहीं जा सकता था, इसलिए उनके आने पर अभिभाषण शुरू हो गया।
इसकी जानकारी विपक्ष को भी होनी चाहिए। उन्होंने कटाक्ष किया कि नेता प्रतिपक्ष से हम सीख रहे हैं तो इस विषय में उन्हें तो पता होना ही चाहिए। राज्यपाल को दी सलामी
सोमवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य पद संभालने के बाद पहली बार सदन में अभिभाषण देने आईं। विधानसभा पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पुलिस बल ने उन्हें सशस्त्र सलामी भी दी। राज्यपाल ने जल्द किया अभिभाषण समाप्त बजट अभिभाषण के दौरान राज्यपाल का स्वास्थ्य कुछ नासाज नजर आया। अभिभाषण पढऩे के दौरान एक बार उन्हें तेज खांसी आई। इसके बाद उन्होंने जल्द अपना अभिभाषण समाप्त किया। यह भी पढ़ें: सुशील मोदी ने संकल्प पत्र के लिए पूर्व सैनिकों से मांगे सुझावयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार का पुतला जलायायह भी पढ़ें: पूर्व सीएम के पुत्र पर बरसे विधानसभा अध्यक्ष, सुनाई खरी-खोटी
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