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कार को बचाने के चक्कर में डिवाइडर पर चढ़ी बस, बाल-बाल बचे यात्री

देहरादून में कार को बचाने के चक्कर में अल्मोड़ा डिपो की बस डिवाइडर पर चढ़ गर्इ। गनीमत रही कि किसी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 18 Mar 2019 11:21 PM (IST)
कार को बचाने के चक्कर में डिवाइडर पर चढ़ी बस, बाल-बाल बचे यात्री
देहरादून, जेएनएन। लोकार्पण के महज 15 दिन भीतर हरिद्वार बाईपास रोड के रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर रोडवेज बस का यूं अचानक डिवाइडर के ऊपर चढ़ जाना महज एक संयोग नहीं, बल्कि यह घटना बताती है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां पर नया डेंजर जोन बन गया है। क्योंकि ब्रिज की एप्रोच रोड के पास जिस कट को लेकर दैनिक जागरण ने आगाह किया था, उसी कट को पार कर रही एक कार को बचाने के चक्कर में बस डिवाइडर के ऊपर जा चढ़ी। गनीमत रही कि बस पलटी नहीं, वरना यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती थी।

सोमवार तड़के करीब पांच बजे उत्तराखंड परिवहन निगम की अल्मोड़ा डिपो की बस आइएसबीटी से रवाना हुई। 10 मिनट बाद जैसे ही बस आरओबी से होते हुए एप्रोच रोड पर उतर रही थी, तभी एक कार कट (यूटर्न) को पार करते हुए अजबपुर की तरफ बढ़ रही थी। सामने इस तरह अचानक कार को देखते हुए बस चालक गुलाब सिंह ने हड़बड़ी में स्पीड ब्रेकर के पास तेजी से ब्रेक लगाए। स्पीड अधिक होने के चलते बस घिसटते हुए आगे बढ़ गई और अनियंत्रित होकर कट वाले भाग के डिवाइडर पर चढ़ गई। इसके बाद करीब दो-तीन मीटर तक बस चौड़े डिवाइडर पर सरकती चली गई और उसका आगे का हिस्सा राजमार्ग के दूसरी तरफ उतर गया। शुक्र इस बात का रहा कि बस दूसरी तरफ झुकने के बाद भी पलटी नहीं। हालांकि, हादसे में बस के अगले हिस्से के दायीं तरफ का टायर फट गया और आगे के शीशे भी चकनाचूर हो गए। 

इसलिए डेंजर जोन बना आरओबी

रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण के बाद हरिद्वार-देहरादून रोड पर लोगों की राह जरूर आसान हो गई है, मगर साथ ही यहां पर दुर्घटना का नया खतरा भी पैदा हो गया है। रिस्पना पुल की तरफ से आते हुए दायीं तरफ की एप्रोच रोड के मुहाने पर अजबपुर की तरफ वाली सड़क भी जुड़ रही है। गंभीर यह कि यहां पर सड़क के कट को भी बंद नहीं किया गया है। ऐसे में आरओबी से नीचे उतर रहे वाहन अपनी रफ्तार में आ रहे हैं और दूसरी तरफ इससे अनजान अबजपुर की तरफ से आने वाले वाहन भी खुले कट से सड़क पार कर रहे हैं। जिससे इस स्थल पर वाहनों की टक्कर होने का खतरा भी बढ़ गया है। सोमवार की घटना भी इसका जीता जागता उदाहरण है।

ऐसा भी क्या पुलिसिया दबाव की जनता की जान पर बन आए

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना के मुताबिक पुलिस के दबाव के चलते इस कट को बंद नहीं किया गया। उनका कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान अजबपुर की तरफ वाहनों का रुख कर दिया जाता है। ऐसे में पुलिस ने कट बंद करने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, इससे लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है।

ये कैसी परियोजनाएं बना रहे हम

बाईपास रोड पर राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का आरओबी तो बना दिया, मगर एप्रोच रोड से लगे एक छोटे से कट को बंद करने पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा। जिसके भविष्य में और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह स्थिति तब है, जब बल्लीवाला फ्लाईओवर को लोग मौत के फ्लाईओवर के नाम से पुकारने लगे हैं। फोर-लेन राजमार्ग पर बने महज डबल लेन फ्लाईओवर पर अब तक 10 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। राजधानी दून में इस तरह की चूक यह भी बताती है कि हमारा सिस्टम अपनी जिम्मेदारी किस तरह निभा रहा है।

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