आजादी के 70 साल बाद इस गांव में पहुंची बस, ग्रामीणों ने मनाया जश्न
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से चंद घटों की दूरी पर स्थित एक गांव ऐसा है जहां बस पहुंचने पर जश्न मनाया जा रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 11 Mar 2018 08:33 AM (IST)
त्यूणी, देहरादून [जेएनएन]: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक गांव में आजादी के 70 साल बाद बस पहुंची। इस मौके पर ग्रामीणों की खुशी देखते ही बनती थी। अब इसे विकास कहें या विडंबना इस गांव के सड़क सेवा से जुडऩा भी हमारे सिस्टम और हमारी प्रगति को आइना दिखाने के लिए काफी है।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित चकराता ब्लॉक की सुदूरवर्ती भाटगड़ी पंचायत गुरुवार को सड़क सुविधा से जुड़ गई। सड़क निर्माण के बाद पहली बार गांव पहुंची मोटर गाड़ी को देखने के लिए भीड़ जुट गई। गांव तक सड़क पहुंचने की खुशी में लोगों ने ढोल-दमाऊ के साथ हारुल गीत पर परंपरागत तांदी नृत्य कर जश्न मनाया। दशकों से सड़क की राह देख रहे जौनसार-बावर के दूरस्थ क्षेत्र भाटगढ़ी पंचायत के लोगों की मुराद गुरुवार को पूरी हो गई। सड़क सुविधा से वंचित देवघार खत की भाटगड़ी पंचायत को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार ने दो साल पहले जेपीआरआर हाईवे से कठंग-सोलन-भाटगढ़ी मोटर मार्ग निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत एक करोड़ की लागत से बने इस मोटर मार्ग का निर्माण कार्य निपटने के बाद गुरुवार को भाटगड़ी गांव में पहली बार मोटर गाड़ी पहुंची। गांव में पहुंची बस को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। ग्राम प्रधान लायक राम शर्मा के नेतृत्व में पंचायत के लोगों ने पहली बार गांव में मोटर गाड़ी पहुंचने पर पीएमजीएसवाई अधिकारियों व समय पर सड़क कार्य निपटाने वाले ठेकेदार राजवीर सिंह राणा का परंपरागत अंदाज में स्वागत किया।
लोगों ने गांव में मोटर गाड़ी के आने पर पूजा की थाल लेकर बस की आरती उतारी। ग्राम प्रधान लायकराम शर्मा ने गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए सरकार व चकराता विधायक प्रीतम सिंह का आभार जताया। कहा सड़क बनने से भाटगढ़ी पंचायत से जुड़ी पांच सौ की ग्रामीण आबादी को घर से मुख्य बाजार त्यूणी तक आने-जाने को अब पांच से छह किमी की पैदल दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। गुरुवार का दिन पंचायत वासियों के लिए बड़ी खुशी का दिन रहा।
ग्रामीणों ने सड़क बनने की खुशी में ढोल-दमाऊ के साथ हारुल गीत पर परंपरागत तांदी नृत्य कर जश्न मनाया। गांव में दावत होने से देर शाम तक पंचायती आंगन में नाच गाने का दौर चला। खुशी मनाने पंचायती आंगन में जुटे पुरुषों व महिलाओं ने सामूहिक नृत्य की शानदार प्रस्तुति से समा बांधा। इस मौके पर रायगी मंदिर के बजीर हरीश चंद्र शर्मा, ठेकेदार राजवीर सिंह राणा, बालकराम जिनाटा, महिमा नंद, नारायण चंद व सतपाल आदि मौजूद रहे।यह भी पढ़ें: राज्य गठन के 17 साल बाद बस पहुंची तो झूम उठे ग्रामीण
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