टैक्स चोरी कर उत्तराखंड में धड़ल्ले से दौड़ी रही दूसरे प्रदेशों की बस, रोडवेज के पास नहीं रिकार्ड
उत्तराखंड में दूसरे राज्यों की रोडवेज बसें धड़ल्ले से दौड़ रही हैं लेकिन इसके बारे में कोई जानकारी रोडवेज के पास नहीं है। यह जानकारी तब मिली जब परिवहन विभाग ने रोडवेज अधिकारियों से दूसरे राज्यों से यहां आ रही बसों का रिकार्ड मांगा।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 21 Aug 2021 12:05 PM (IST)
अंकुर अग्रवाल, देहरादून। उत्तराखंड में टैक्स चोरी कर धड़ल्ले से दौड़ रही दूसरे राज्यों की रोडवेज बस के बारे में कोई जानकारी रोडवेज के पास नहीं है। यह जानकारी तब मिली जब परिवहन विभाग ने रोडवेज अधिकारियों से दूसरे राज्यों से यहां आ रही बसों का रिकार्ड मांगा। पहले चरण में परिवहन विभाग के दून संभाग के अधीन देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की बस अड्डे के अधिकारियों से रिकार्ड मांगा गया था। परिवहन विभाग के मुताबिक ऋषिकेश समेत हरिद्वार व रुड़की के अधिकारियों की ओर से कोई रिकार्ड न होने की सूचना भेजी गई है। अलबत्ता, देहरादून आइएसबीटी का संचालन कर रही रैमकी कंपनी की तरफ से साल 2020 का रिकार्ड उपलब्ध कराया है। इसी के मुताबिक परिवहन अधिकारी टैक्स का आकलन करने में जुटे हुए हैं।
करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का पर्दाफाश उस वक्त हुआ था जब परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा ने 22 जुलाई को देहरादून के आरटीओ कार्यालय में छापा मारा था। जब परिवहन सचिव ने अधिकारियों से पूछा कि दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों से विभाग को कितना टैक्स मिल रहा तो अधिकारी इसकी जानकारी नहीं दे पाए थे। वह यह तक नहीं बता पाए कि उत्तराखंड में रोज दूसरे राज्यों की कितनी बसें आ रहीं व कितने फेरे लगा रहीं।
इससे नाराज सचिव ने टैक्स के संबंध में अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने टैक्स चोरी रोकने को दूसरे राज्यों से आने वाली रोडवेज बसों का रिकार्ड जुटाने का आदेश दिया था। इसी क्रम में आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप सैनी ने परिवहन विभाग व रोडवेज के अधिकारियों समेत आइएसबीटी देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार एवं रुड़की बस अड्डों का मुआयना किया और 25 जुलाई से देहरादून में प्रवेश करने के हर आरटीओ चेकपोस्ट पर दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों का डाटा जुटाया जा रहा है। सभी बसों का डिपो व नंबर नोट किया जा रहा।
आरटीओ (प्रशासन) दिनेश चंद्र पठोई ने बीते दिनों हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की के एआरटीओ से भी पूरा रिकार्ड तलब किया। संबंधित एआरटीओ ने ऋषिकेश, हरिद्वार व रुड़की बस अड्डे के रोडवेज अधिकारियों को पत्र भेजकर रिकार्ड मांगा। हैरानी वाली बात यह है कि तीनों बस अड्डों ने रिकार्ड न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में परिवहन विभाग टैक्स का आंकलन कैसे करे, यह सवाल बन गया है। ये हाल सिर्फ दून संभाग से जुड़े बस अड्डों का है, अगर प्रदेश के बाकी बस अड्डों का हाल भी यही हुआ तो रोडवेज की कार्यशैली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि परिवहन सचिव के आदेश पर टैक्स के आंकलन को लेकर शुरू हुआ कार्रवाई में पहले चरण में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार व रुड़की डिपो से दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों का रिकार्ड मांगा गया था। देहरादून के अलावा बाकी बस अड्डों ने जानकारी होने से इन्कार कर दिया। रोडवेज अधिकारियों ने बताया है कि 25 जुलाई से रिकार्ड रखा जा रहा है। परिवहन टीम जो रिकार्ड मिला है, उसके आधार पर जांच कर दूसरे राज्यों की बसों के टैक्स का आंकलन कर रही है, जो राज्य करार का पालन नहीं कर रहे और टैक्सी चोरी कर रहे, उन्हें नोटिस भेजने और चोरी होने वाले टैक्स की वसूली करने की कार्रवाई की जाएगी।
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