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CA Final Result में दून के युवाओं ने लहराया परचम, किसी ने पिता से ली प्रेरणा; किसी का सपना हुआ पूरा

CA Final Result 2021 आइसीएआइ ने सोमवार को सीए फाइनल का परिणाम जारी कर दिया। दून के कई युवाओं ने अपनी काबिलियत के दम पर यह अंतिम चरण पार कर लिया है। तो चलिए आपको इन होनहारों के बारे में बताते हैं...

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 13 Sep 2021 09:10 PM (IST)
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CA Final Result में दून के युवाओं ने लहराया परचम।
जागरण संवाददाता, देहरादून। CA Final Result 2021 द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया (आइसीएआइ) ने सोमवार को सीए फाइनल का परिणाम जारी कर दिया। दून के कई युवाओं ने अपनी काबिलियत के दम पर यह अंतिम चरण पार कर लिया है। तो चलिए आपको इन होनहारों के बारे में बताते हैं...

पिता से प्रेरणा लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनीं सौम्या

चार्टर्ड अकाउंटेंट बनी जीएमएस रोड निवासी सौम्या जैन पिता के ही नक्शे कदम पर चल निकली हैं। सौम्या के पिता रजनीश जैन भी सीए हैं। मां रुचि गृहिणी हैं। सौम्या ने 2016 में ब्राइटलैंड्स स्कूल से 96 फीसद अंक के साथ बारहवीं की। शुरुआत से ही उनका सपना था कि वह सीए बनें और सपना पूरा हुआ तो बेहद खुश हैं। उनका छोटा भाई आदित्य आइआइटी भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग कर रहा है।

(परिवार के साथ सौम्या जैन)

वंश कपूर ने पाया मुकाम

चंद्रनगर निवासी वंश कपूर ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बन पिता का सपना पूरा किया। वंश के पिता दीपक व्यवसायी हैं। वे हमेशा से बेटे को सीए बनाना चाहते थे, क्योंकि बिजनेस के सिलसिले में उनका सीए से अक्सर काम पड़ता था। वंश ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा ब्राइटलैंड्स से हुई। 2016 में इंटर के बाद वे सीए की तैयारी में जुट गए थे। उनकी माता शालिनी कपूर चिकित्सक हैं, जबकि घर मे छोटी बहन और दादी भी हैं।

(वंश कपूर)

पति के बाद अब पत्नी भी बनीं सीए

डांडा खुदानेवाला, सहस्त्रधारा रोड निवासी तनु अग्रवाल रावत ने यह साबित कर दिया है कि परिश्रम का देर-सवेर अच्छा परिणाम मिलता है। उन्होंने 2010 में दून इंटरनेशनल स्कूल से 78 फीसद अंकों के साथ बारहवीं की। इसके बाद डीएवी पीजी कालेज से बीकाम और फिर एलएलबी की। चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की ख्वाहिश थी, सो इस ओर भी निरंतर प्रयास करती रहीं। अपनी मेहनत के बूते उन्होंने अब यह मुकाम हासिल कर लिया है। उनके पति शशांक रावत भी सीए हैं। तनु कहती हैं कि परिवार के हर सदस्य ने उनका हर तरह से साथ दिया। इसी वजह से वह यह मुकाम हासिल कर पाई हैं।

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