उत्तराखंड में यूजीसी रेग्युलेशन 2018 से होंगी भर्तियां, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा अथवा राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा न्यूनतम पात्रता रहेगी।
By Edited By: Updated: Thu, 29 Aug 2019 03:45 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) अथवा राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा (एसईटी) न्यूनतम पात्रता रहेगी। स्नातकोत्तर स्तर पर न्यूनतम 55 फीसद अंक अनिवार्य योग्यता है। एक जुलाई, 2021 से विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी उपाधि अनिवार्य पात्रता होगी। सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा नहीं होगी। अभ्यर्थी का चयन शैक्षिक योग्यता की मेरिट और साक्षात्कार के जरिये चयन समिति करेगी।
मंत्रिमंडल ने डिग्री शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए यूजीसी रेग्युलेशन-2018 को लागू करने का निर्णय लिया है। इसमें विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता और उच्चतर शिक्षा में मानकों का उल्लेख है। इस रेग्युलेशन पर अमल करने के साथ ही राज्य सरकार को डिग्री शिक्षकों की भर्ती के लिए यूजीसी गाइडलाइन भी मिल गई है। यूजीसी के इस रेग्युलेशन को लागू करने के लिए सरकार ने उच्च शिक्षा प्रभारी सचिव अशोक कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। मंत्रिमंडल ने इस रिपोर्ट को भी मंजूरी दी है।
उद्योगों को अब कम मिलेगा शीरा
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2018-19 के लिए शीरा नीति को मंजूरी दी। इसके तहत अब 75 फीसद शीरा खुले बाजार में बेचा जा सकेगा। सिर्फ पांच फीसद शीरा राज्य की औद्योगिक इकाइयों को दिया जाएगा। इन इकाइयों के लिए पहले 10 फीसद शीरा देने की व्यवस्था थी। 20 फीसद शीरा देशी शराब निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। चीनी मिलों से उत्पादित शीरे को बेचे जाने पर 15 फीसद प्रति कुंतल प्रशासकीय शुल्क लगेगा। कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखाई। इसमें अब 10 या इससे अधिक कर्मकारों के स्थान पर 20 या इससे अधिक और 20 या इससे अधिक के स्थान पर 40 या इससे अधिक किया गया है। इस संशोधन के बाद कुल 3460 कारखानों में से 350 कारखाने उक्त अधिनियम के दायरे से बाहर हो गए हैं। इससे सरकार को भी सालाना छह लाख रुपये राजस्व का नुकसान होगा। चारधाम सड़क परियोजना के तहत ऋषिकेश बाईपास के निर्माण पर संभावित लागत 518.84 करोड़ में निर्माण सामग्री पर रायल्टी के रूप में 4.04 करोड़ रुपये की छूट देने का निर्णय लिया गया।
पर्वतीय क्षेत्रों में बनेंगे होटल
वहीं महायोजना एवं विकास क्षेत्र के अंतर्गत मनोरंजन एवं पर्यटन भू-उपयोग परिवर्तन की दरें सर्किल रेट का 150 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया गया है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में होटल-मोटल खुलने में पेश आ रही दिक्कत दूर होगी। राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र के विकास पर जोर दे रही है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को मोबाइल व दूरभाष के लिए सालाना क्रमश: 25 हजार रुपये व 20 हजार रुपये किया गया है।
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मंत्रिमंडल के निर्णय:
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- उत्तराखंड राजकीय चिकित्सालय, राजकीय मेडिकल कॉलेज में अटल आयुष्मान योजना में राज्य से बाहर के लोगों के लिए न्यूनतम सेवा शुल्क लेने का निर्णय
- मंडी समिति विपणन बोर्ड के अंश दान में छूट को मंजूरी
- मुख्यमंत्री आवास व सचिवालय में कैंटीन के कर्मचारियों का ढांचा स्वीकृत, कुल 24 पद होंगे
- नियोजन विभाग के तहत राज्य एवं केन्द्र से संबंधित विषय की प्रस्तुतीकरण में पर्यटन पर अधिक बल देने की सहमति
- आबकारी विभाग का एथनॉल पर प्रशासनिक नियंत्रण समाप्त
- शीरा नीति को मंजूरी, खुले बाजार में बेच सकेंगे 75 फीसद शीरा
- चारधाम सड़क परियोजना ऋषिकेश बाईपास निर्माण के लिए 4.04 करोड़ की रायल्टी में छूट, 514 करोड़ रुपये की 17.23 किमी की परियोजना के निर्माण सामग्री पर लगने वाले रायल्टी में दी गई छूट
- लोक सेवा आयोग की सेवा नियमावली में लिपिकीय त्रुटि को सही करने की मंजूरी
- कारखाना अधिनियम 1948 में संशोधन के तहत श्रम प्रवर्तन अधिकारी के स्थान पर श्रमायुक्त को चालान करने का अधिकार
- चिकित्सा विभाग में नर्सिंग पद के संविलियन को बनाई सेवा नियमावली
- व्यावसायिक भवनों, नर्सिंग होम के समाधान योजना के तहत शासनादेश में लिपिकीय त्रुटि को ठीक करने को मंजूरी
- उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों के भत्ते, अवकाश सुविधा में संशोधन
- उत्तराखंड आवास विकास परिषद के आवास आयुक्त की जगह अपर सचिव या समकक्ष अधिकारी को कार्य देखने का अधिकार दिया
- राज्य योजना में निर्माण, चौड़ीकरण सुपरविजन चार्ज 12 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद चार्ज किए जाने को मंजूरी