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कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में उपनल कर्मियों, आशा कार्यकर्त्ता और ग्राम प्रधानों को सौगात, जानें- अन्‍य फैसले

राज्य ब्यूरो देहरादून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में 29 प्रस्ताव आए। उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। साथ ही आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि की गई।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:16 PM (IST)
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: चुनावी साल में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उपनल कर्मचारियों, आशा कार्यकर्त्ताओं समेत तकरीबन 40 हजार अस्थायी कार्मिकों और ग्राम प्रधानों को तोहफों से नवाज दिया। मंत्रिमंडल ने उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के मासिक मानदेय में 2000 से लेकर 3000 रुपये की वृद्धि करने का निर्णय लिया। साथ ही उनके मानदेय में वार्षिक वृद्धि करने को भी मंजूरी दी गई। आशा कार्यकर्त्ताओं के मानदेय में हर महीने 1500 रुपये बढ़ाए गए हैं। उन्हें न्यूनतम 6500 रुपये मानदेय देने का निर्णय किया गया। ग्राम प्रधानों के मानदेय में भी दोगुना से ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के अस्थायी कार्मिकों को राहत देने पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 29 बिंदुओं पर चर्चा की। इनमें तीन स्थगित हुए, जबकि 26 पर फैसले किए गए। उन्होंने बताया कि उपनल कार्मिकों के संबंध में उपसमिति की संस्तुतियों के आधार पर मंत्रिमंडल ने उपनल कार्मिकों के मासिक मानदेय में दो स्लैब में वृद्धि करने का निर्णय किया गया।

10 वर्ष से कम सेवा वाले कार्मिकों को 2000 रुपये और 10 वर्ष से अधिक समय से सेवारत कार्मिकों को 3000 रुपये बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। प्राकृतिक न्याय के आधार पर उपनल कर्मियों के मानदेय में हर साल एक निश्चित राशि बढ़ाने पर सहमति दी गई। निश्चित राशि का निर्धारण वित्त विभाग करेगा। इस फैसले से 20 हजार से ज्यादा कार्मिक लाभान्वित होंगे।

12 हजार आशा कार्यकर्त्ताओं को लाभ

मंत्रिमंडल ने कोरोना संकट से निपटने में अहम भूमिका निभाने वाली प्रदेश की 12,018 आशा कार्यकर्त्ताओं के हित में अहम निर्णय किया। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इन कार्यकर्त्ताओं के बैंक खाते में अब हर महीने न्यूनतम 6500 रुपये जाएंगे। अभी इन्हें हर महीने करीब 5000 रुपये मिल रहे हैं। मंत्रिमंडल ने इनके मानदेय में 1000 रुपये की वृद्धि और साथ में 500 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि देने को स्वीकृति दी है। इससे सरकारी खजाने पर करीब 7.21 करोड़ से 14 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के बारे में सीएम लेंगे फैसला

मंत्रिमंडल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के मासिक मानदेय को बढ़ाने बारे में भी मंथन किया। प्रदेश में आंगनबाड़ी, आंगनबाड़ी सहायिकाओं और मिलन आंगनबाड़ी के रूप में 20 हजार से ज्यादा कार्यकर्त्ता कार्यरत हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से उनके मानदेय में हर महीने 500 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था। मंत्रिमंडल ने इस बारे में फैसला लेने को मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

ग्राम प्रधानों को 3500 रुपये मानदेय

कोरोना की जंग में सहयोग करने वाले ग्राम प्रधानों का मासिक मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने किया। राज्य में 7791 ग्राम प्रधान हैं।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले

-उपनल कार्मिकों के मानदेय में दो से तीन हजार रुपये और आशा कार्यकत्र्ताओं के मानदेय में डेढ़ हजार रुपये की वृद्धि

-देहरादून व हल्द्वानी के सरकारी मेडिकल कालेजों में बांडधारक छात्र-छात्राओं को सस्ती फीस में पढ़ाई की सुविधा होगी बहाल

-सरकारी स्कूलों में 10वीं व 12वीं के 1.59 लाख और डिग्री कालेजों के 1.05 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट देने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर मुहर, टैबलेट खरीद की कार्ययोजना को मंजूरी

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