एक बार फिर चर्चा में कैबिनेट मंत्री हरक, जानें- क्यों बोले इस्तेमाल हो चुके बारूद से नहीं होती धमाके की उम्मीद
हरक सिंह रावत फिर से चर्चा में हैं। अब मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस्तेमाल हो चुके बारूद से धमाके की उम्मीद नहीं होती। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की बीते रोज हुई मुलाकात से परिप्रेक्ष्य में पूछे जाने पर यह बात कही।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:58 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। अपनी टिप्पणियों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत फिर से चर्चा में हैं। अब मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस्तेमाल हो चुके बारूद से धमाके की उम्मीद नहीं होती। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत की बीते रोज हुई मुलाकात से परिप्रेक्ष्य में पूछे जाने पर यह बात कही। उधर, हरक की इस टिप्पणी के राजनीतिक गलियारों में तमाम निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने भी अखबारों में दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मुलाकात का फोटो देखा है। इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। टिप्पणी करेंगे तो बड़ी बात हो जाएगी। मुलाकात सामान्य बात है। साथ ही बोले, 'माना जैसे कोई बारूद है और एक बार प्रयोग करने के बाद उसे दोबारा भरेंगे तो उससे बड़े धमाके की उम्मीद नहीं की जा सकती। फर्क तब पड़ता है, जब जनता क्या चाहती है।'
हरक ने कहा कि प्रदेश को अच्छा बनाने के लिए सभी को मिलते-जुलते रहना चाहिए। हरीश भाई व त्रिवेंद्र भाई मिले हैं तो अच्छा ही है। उन्होंने आगे कहा, 'जब चुनाव आएगा तो मैं चाहता हूं कि कोटद्वार में पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी भी उनसे मिलें, मगर वे मिलते ही नहीं। मैं तो हरीश रावत से भी मिलने-जुलने को तैयार हूं। त्रिवेंद्र भाई भी कटे-कटे से रहते हैं। अरे भई, छोटा सा प्रदेश है हमारा। छोटी सी बगिया है, इसमें सुंदर-सुंदर फूल खिलें, हरियाली हो। प्रदेश में सबकुछ अच्छा ही अच्छा हो।'
गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में हरक और त्रिवेंद्र के बीच कर्मकार कल्याण बोर्ड समेत कई विषयों पर तनातनी सुर्खियों में रही थी। यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता हरीश रावत के विरुद्ध भी हरक ने पूर्व में मोर्चा खोला था, लेकिन बाद में उनके तेवर नरम पड़ गए। अब उन्होंने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना इस्तेमाल हो चुके बारूद से की है तो इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा होना स्वाभाविक ही है।
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