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उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत का निधन, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत का अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 06 Jun 2019 08:10 AM (IST)
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उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत का निधन, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के वित्तमंत्री प्रकाश पंत(58 वर्ष) का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। पीएम मोदी, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया। सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, प्रकाश पंत का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से अपूर्णीय श्रति है। उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया है।   

अपने व्यवहार और ज्ञान से सबको प्रभावित करने वाले उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रकाश पंत अब हमारे बीच नहीं रहे। वह अपने पीछे पत्नी, पुत्र और दो पुत्रियों को छोड़ गए हैं। वह बीते कुछ माह से बीमार चल रहे थे। उन्हें कुछ दिन पहले ही इलाज के लिए दिल्ली से अमेरिका ले जाया गया। जहां बुधवार शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर फैल गई। पंत के निधन पर सरकार ने गुरुवार को प्रदेश के सभी बैंकों और कोषागारों के साथ ही सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में अवकाश रखा गया। इसके साथ ही तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सभी कार्यालय में ध्वज आधे झुके रहेंगे। उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। हालांकि उनके पार्थिव शरीर को आने में चार से पांच दिन लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत काफी समय से अज्ञात बीमारी से जूझ रहे थे। इसी वर्ष फरवरी में बजट सत्र के दौरान बजट भाषण प्रस्तुत करते हुए वह दो बार बेसुध हो गए थे। तब उनके बीमार होने की बात पहली बार सामने आई थी। इसके बाद देहरादून में उनका इलाज शुरू हुआ और इसमें कैंसर की बात सामने आई। उन्हें नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया। यह कुछ दिनों के इलाज के बाद उनके इलाज में सुधार आया और वह देहरादून आ गए। कुछ दिनों बाद तबीयत बिगडऩे पर उन्हें फिर दिल्ली ले जाया गया। बीते माह 29 मई को वह इलाज के लिए टेक्सास, अमेरिका गए। जहां से शनिवार को यह दुखद खबर पहुंची।

पंत के निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके निधन पर शोक जताया है। सरकार ने तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है।

मृदुभाषी और मिलनसार थे प्रकाश पंत 

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दुःख की इस घड़ी में उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक व्यक्त करते हुए परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि स्वर्गीय प्रकाश पंत एक अत्यंत मृदुभाषी, मिलनसार और लोकप्रिय राजनेता थे। प्रकाश पंत एक बेहद सक्षम और कुशल प्रशासक थे। वे जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे और सामाजिक सरोकारों से हमेशा जुड़े रहते थे। उन्होंने उत्तराखंड की राजनीति में अपना एक विशेष स्थान बनाया था। उनके निधन से उत्तराखंड को अपूरणीय क्षति हुई है। राज्यपाल ने गुरुवार को अपनी सभी मुलाकातें और बैठकें रद्द कर दी हैं।

उत्तराखंड के हित को हमेशा रखा सर्वोपरि 

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, प्रकाश पंत ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री तक के सफर में हमेशा प्रदेश के हित को सर्वोपरि रखा। सदन और सदन के बाहर उत्तराखंड के हितों के लिए संघर्ष किया। अग्रवाल ने ये भी कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से उनका सहयोग मिलता रहा। उनके संसदीय ज्ञान को हमेशा याद रखा जाएगा।

जीवन परिचय और राजनीतिक सफर 

बहुमुखी प्रतिमा के धनी प्रकाश पंत का जन्म 11 नवंबर 1960 को पिथौरागढ़ उत्तराखंड में हुआ था।  वह 1977 में छात्र राजनीति में सक्रिय थे। 1988 में वह नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ के सदस्य बने थे। 1998 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्य निर्वाचित हुई थी। राज्यगठन के बाद अंतरिम विधानसभा में 2001 में वह उत्तराखंड के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2007 में वह द्वितीय निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2012 में वह चुनाव हार गए गए थे। वर्ष 2017 में हुए चुनावों में उन्होंने पिथौरागढ़ से जीत दर्ज की और सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए।

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