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‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’ का विज्ञापन देकर सात लोगों को लगाया 11.73 लाख का चूना

जम्मू-कश्मीर से मसूरी घूमने आए तीन युवक यहां लॉकडाउन में फंसे तो एडवरटाइजिंग कंपनी बनाकर ठगी करने लगे। आरोपितों ने सात लोगों से तकरीबन 12 लाख रुपये ठगे।

By Edited By: Updated: Sat, 11 Jul 2020 12:29 PM (IST)
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‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’ का विज्ञापन देकर सात लोगों को लगाया 11.73 लाख का चूना
देहरादून, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से मसूरी घूमने आए तीन युवक यहां लॉकडाउन में फंसे तो एडवरटाइजिंग कंपनी बनाकर ठगी करने लगे। आरोपितों ने कंपनी के प्रचार के बदले सस्ते दाम में कार दिलाने का झांसा देकर सात लोगों से तकरीबन 12 लाख रुपये ठगे और भाग निकले। हालांकि, पुलिस ने दो आरोपितों को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया, जबकि गिरोह का सरगना फरार होने में कामयाब हो गया।

डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि जम्मू के नानकनगर में रहने वाला उदित चड्ढा, गुर्जर नगर निवासी सोहेल और कैनाल रोड निवासी राघव गुप्ता बीती नौ मार्च को मसूरी घूमने आए थे। तीनों यहां एक होटल में रुके थे। इसी बीच 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हो गई और तीनों यहीं फंस गए। कुछ दिन तो वह होटल में ही रहे, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने और होटल बंद होने पर युवकों ने सेवलाकलां में फ्लैट किराये पर ले लिया। जब पैसे खत्म होने लगे तो उन्होंने ठगी की योजना बनाई।

इसके लिए जून में अनलॉक का प्रथम चरण शुरू होने पर आरोपितों ने राजपुर रोड स्थित अपार्टमेंट नीलकंठ आर्किड में 20 हजार रुपये किराये पर एक दुकान ली। उस पर इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग कंपनी का बोर्ड लगाकर दफ्तर खोला और विभिन्न माध्यम से ‘गाड़ी खरीदें, किश्तें देंगे हम’ का विज्ञापन दिया। इसमें बताया गया कि कंपनी के माध्यम से ग्राहक अपनी मनपसंद गाड़ी उसकी कीमत का महज 20 प्रतिशत भुगतान करके प्राप्त सकते हैं। बाकी की 80 फीसद कीमत का भुगतान कंपनी खुद करेगी। जिसके बदले ग्राहकों को पांच साल तक प्रचार के लिए कंपनी का लोगो वाहन पर लगाना होगा।

आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली में छापा मारकर दो आरोपितों उदित और सोहेल को एम्स के पास से गिरफ्तार कर लिया, जबकि गिरोह का सरगना राघव फरार होने में कामयाब रहा।

ऐसे पकड़े गए दोनों आरोपित

सहसपुर के शेरपुर में रहने वाले अहसान ने उदित, सोहेल और राघव के खिलाफ गुरुवार को पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने बताया कि आरोपितों ने सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर उनसे और उनके छह परिचितों से 11.73 लाख रुपये ठग लिए हैं। अहसान ने विज्ञापन देखकर युवकों से संपर्क किया। साथ ही अपने परिचितों को भी उनसे मिलवाया। आरोपितों ने अहसान से दो लाख रुपये, जबकि उसके परिचितों से कार की कीमत के अनुसार अलग-अलग धनराशि ली। इसमें कार बुकिंग के 11-11 हजार रुपये भी शामिल थे। सभी को नौ जुलाई को कार देने का वायदा किया गया था। लेकिन, इससे पहले ही गिरोह का सरगना राघव तीन जुलाई, जबकि उदित व सोहेल सात जुलाई को फरार हो गए। नौ जुलाई को अहसान अपने परिचितों के साथ कार लेने के लिए कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला और आरोपितों के नंबर भी बंद थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। जांच में पता चला कि आरोपित जम्मू-कश्मीर में रजिस्टर्ड कार में फरार हुए हैं। मोबाइल की लोकेशन से उनके दिल्ली में होने का पता चला।

एक आइटी एक्सपर्ट, दूसरा एमबीबीएस एंट्रेंस पास

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपित पढ़े-लिखे हैं। उदित आइटी एक्सपर्ट है तो सोहेल ने कुछ समय पहले एमबीबीएस का एंट्रेंस टेस्ट पास किया था। डोनेशन के लिए रुपये न होने के कारण वह एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले पाया।

जम्मू में पुरानी गाड़ियां खरीदता-बेचता था राघव

राघव जम्मू में पुरानी गाड़ियां खरीदने और बेचने का काम करता था। इसी दौरान उसकी उदित और सोहेल से मुलाकात हुई। तीनों कुछ ही दिनों में अच्छे दोस्त बन गए। बताया जा रहा है कि गाड़ियों की खरीद-बिक्री में उदित और सोहेल भी राघव की मदद करते थे।

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25 लाख की लग्जरी कार से घूमते थे

डीआइजी ने बताया कि तीनों आरोपित 25 लाख की लग्जरी कार से मसूरी आए थे। राघव ने 2019 में यह कार एक व्यक्ति से खरीदी थी। लेकिन, पूरी रकम नहीं दी। जिस पर उस व्यक्ति ने राघव के खिलाफ चोरी और धोखाधड़ी के आरोप में श्रीनगर के थाना सदर थानापुर में मुकदमा दर्ज कराया था।

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