निशान लगने के बाद भी नहीं हटा रहे अतिक्रमण, हाईकोर्ट में जल्द पेश होगी रिपोर्ट
हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में चले अभियान में ढील पड़ते ही लोगों ने चिह्नित अतिक्रमण को हटाने से हाथ खींच लिए। वहीं, अतिक्रमण के खिलाफ अभियान की पूरी रिपोर्ट शासन ने तैयार कर ली है।
देहरादून, [जेएनएन]: हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में चले अभियान में ढील पड़ते ही लोगों ने चिह्नित अतिक्रमण को हटाने से हाथ खींच लिए। ऐसे में पड़ोस और अतिक्रमण हटा चुके लोग लिखित में फोटो समेत शिकायत कर रहे हैं। वहीं, अतिक्रमण के खिलाफ अभियान की पूरी रिपोर्ट शासन ने तैयार कर ली है। इसे जल्द हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।
राजधानी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सड़क, फुटपाथ, नाली और सरकारी जमीन पर चिह्नित अतिक्रमण को टास्क फोर्स ने ध्वस्त किया, मगर कुछ जगह लोगों ने लिखित और मौखिक में अतिक्रमण स्वयं हटाने की अपील की। इस पर टास्क फोर्स ने उन्हें समय भी दे दिया।
इस मामले में लोगों ने शुरू में तो कुछ हद तक अतिक्रमण हटाया। अब अभियान की रफ्तार धीमी होते ही लोगों ने अतिक्रमण हटाने से कन्नी काट ली। हालांकि, इस मामले में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन को जिम्मेदारी देते हुए चिह्नित अतिक्रमण को दोबारा चेक करते हुए ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं।
इधर, लाल निशान लगने के बाद एक ही जगह पर आस-पास के अतिक्रमण हटने और बीच-बीच में अतिक्रमण न हटाने पर लोग अब टास्क फोर्स की शिकायत करने लगे हैं। ऐसे पत्र लोग न केवल मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, बल्कि सीधे हाईकोर्ट भी भेज रहे हैं।
यहां आ रही ज्यादा शिकायतें
नेशविला रोड, कालीदास रोड, कैंट रोड, हरिद्वार रोड, ईसी रोड, टर्नर रोड, रायपुर रोड में लोगों की ज्यादा शिकायतें हैं। यहां अधिकांश अतिक्रमण जेसीबी से ध्वस्त किया गया। मगर, लोगों ने मकान, दुकान और दूसरे बड़े अतिक्रमण स्वयं हटाने का भरोसा दिया था।
होगी सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन के मुताबिक लाल निशान लगने के बाद शहर में सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। समय मांगने के बाद यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीमें दोबारा सभी इलाकों में जाएंगी।
हाईकोर्ट में दो दिन के भीतर पेश होगी रिपोर्ट
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि शहर में अब तक हटाए गए अतिक्रमण की रिपोर्ट तैयार हो गई है। दो दिन के भीतर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी जाएगी। रिपोर्ट पेश करने के साथ ही शेष अतिक्रमण हटाने को समय बढ़ाने की मांग भी की जाएगी।
राजधानी में हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथ और नालियों में 5481 अतिक्रमण चिह्नित किए गए। इस दौरान टास्क फोर्स ने चार जोन में 3047 अतिक्रमण को ध्वस्त किया।
इसके अलावा 108 भवनों को सील किया गया। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि जब तक पूरा अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि चार सप्ताह की कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार कर ली है। दो दिन के भीतर रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अतिक्रमण के लिए दोषी अधिकारियों की सूची लोक निर्माण विभाग से मांगी गई है। यह सूची अगस्त के दूसरे सप्ताह तक मिल जाएगी। इसके बाद इस मामले में सेटेलाइट मैप के साथ अतिक्रमण का परीक्षण कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने साफ कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर जहां भी अतिक्रमण हुआ है, उसको हर हाल में हटाया जाएगा। इसमें प्रेमनगर से लेकर राजपुर रोड और पलटन बाजार भी शामिल है।
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