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उत्तराखंड में कैरवान को पर्यटक न मिलने से फेल हुई योजना, बीते साल ही किया गया था शुरू; घर जैसी सुविधाओं से था लैस

Caravan Vehicle In Uttarakhand उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से शुरू की गई कैरवान योजना को पंख लगने से पहले ही फेल हो गई जिसकी वजह से पर्यटन विभाग की ओर से इस योजना को बंद करना पड़ा। परिषद की ओर से यह योजना वर्ष 2022 में शुरू की गई थी। इसमें पहले चरण में दो कैरवानों को चलाया गया। योजना का प्रचार प्रसार करने के लिए...

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 24 Nov 2023 06:53 PM (IST)
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उत्तराखंड में पर्यटक न मिलने से कैरवान योजना को नहीं लग सके पंख

उदित सिंह, देहरादून। Caravan Vehicle In Uttarakhand: उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से शुरू की गई कैरवान योजना को पंख लगने से पहले ही फेल हो गई, जिसकी वजह से पर्यटन विभाग की ओर से इस योजना को बंद करना पड़ा। बीते वर्ष वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

परिषद की ओर से यह योजना वर्ष 2022 में शुरू की गई थी। इसमें पहले चरण में दो कैरवानों को चलाया गया। योजना का प्रचार प्रसार करने के लिए इसको यूटीडीबी और जीएमवीएन की वेबसाइटों पर भी डाला गया।

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से पर्यटकों को उत्तराखंड के दूरस्थ स्थानों पर अल्ट्रा लक्जरी वैन कैरवान से अपने परिवार और दोस्तों के साथ सफर का आनंद लेने के लिए शुरू किया गया था। आठ दिनों की अवधि में राज्य के सभी पर्यटन स्थलों का पर्यटक भ्रमण कराने का लक्ष्य निर्धािरत किया गया लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए पर्यटकों ने इसमें रुचि ही नहीं दिखाई जिसकी वजह से इसको बाद में बंद कर दिया गया।

स्थानीय जन के लिए स्वावलंबी रोजगार

कैरवान को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में शामिल किया गया था। राज्य सरकार की पर्यटन नीति के तहत एमएसएमई के अंतर्गत कैरवान खरीद सकते हैं। लेकिन उत्तराखंड वासियों ने भी इसमें निवेश करने में रुचित नहीं दिखाई। जिसकी वजह से और कैरवान नहीं शुरू हो पाए।

क्या है कैरवान वाहन

यह एक पांच और दूसरी गोर्खा कैरवान तीन सीटर है। जो कि अत्याधुनिक सुविधाओं से भरपूर है। इस वाहन की सबसे बड़ी विशेषता है कि पर्यटक पर्यटन स्थलों को घूम कर सुरक्षित महसूस करेंगे। कैरवान की यात्रा अवधि आठ दिनों की रखी गई, जिसमें पर्यटक लगभग 900 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते थे। इन आठ दिनों में इसका रूट पंतनगर से शुरू होकर टनकपुर में साहसिक गतिविधियां करते हुए, पंचेश्वर, बिंनसर, गरूड़, औली, टिहरी होते हुए वापस देहरादून खत्म करने का प्लान बनाया गया था।

घर जैसी मूल सुविधाओं से लैस किया गया था कैरवान

  • भोजन
  • आवास
  • होटल की आवश्यकता नहीं
  • एलसीडी टीवी
  • सैटेलाइट टीवी
  • जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम
  • वाशरूम
  • पेंट्री
  • काफी मेकर
  • माइक्रो वेव

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