Dehradun City Crime: देहरादून में जमीन धोखाधड़ी में एनआरआइ और उसके भाई पर मुकदमा दर्ज
जमीन दिलाने के नाम पर एनआरआइ व उसके भाई ने एक व्यक्ति से धोखाधड़ी कर 65 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपितों ने किसी दूसरे की जमीन को दिखा कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। रायपुर थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। जमीन दिलाने के नाम पर एनआरआइ व उसके भाई ने एक व्यक्ति से धोखाधड़ी कर 65 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपितों ने किसी दूसरे की जमीन को दिखा कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। रायपुर थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। धोखाधड़ी का दोनों भाइयों के खिलाफ चार महीने में यह दूसरा मुकदमा है।
एसपी सिटी को दिए शिकायती पत्र में हर्रावाला निवासी राकेश सुंद्रियाल ने बताया कि उन्हें निजी प्रयोग के लिए जमीन की तलाश थी। उनकी मुलाकात एनआरआइ अंशुल जयरथ व उसके भाई मयूर जयरथ निवासी खुड़बुड़ा मोहल्ला से हुई। दोनों भाइयों ने उन्हें ग्राम चकतुनवाला में जमीन दिखाई। जमीन का सौदा पक्का होने के बाद राकेश ने मयूर जयरथ व अंशुल जयरथ से जमीन के दस्तावेज मांगे तो उन्होंने सात अगस्त 2018 को विक्रय अनुबंध पत्र दे दिया। इसके बाद दोनों भाइयों ने राकेश से 50 लाख रुपये ले लिए। वहीं, 23 जनवरी 2019 को 65 लाख रुपये प्राप्त कर लिए। इस तरह आरोपितों ने पीड़ित से कुल एक करोड़ 15 लाख रुपये ले लिए।
राकेश सुंद्रियाल जब जमीन की नपाई के लिए गए तो वहां एक व्यक्ति पहुंचा और उनका विरोध करने लगा। यहां पता लगा कि जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर है और उसने किसी को यह जमीन नहीं बेची है। इसके बाद राकेश को ठगी का एहसास हुआ। राकेश ने आरोपितों पर दबाव बनाया तो उन्होंने 50 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन 65 लाख रुपये अब तक नहीं लौटाए। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मार्च महीने में बिल्डर से की थी धोखाधड़ीआरोपित दोनों भाइयों इससे पहले मार्च महीने में मियांवाला निवासी बिल्डर मोहित बुटोला के साथ भी ठगी की थी। इस मामले में भी रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी जांच अभी चल रही है। मोहित बुटोला ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह सहस्रधारा रोड के निकट आमवाला गांव में एमबी होम्स के नाम से आवासीय परियोजना का निर्माण कर रहे हैं। यह कार्य उन्होंने अंशुल जयरथ की कंपनी मैसर्स जेडी इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके पार्टनर मयूर जयरथ को सौंपा था। फर्म ने तय समयावधि में कार्य पूरा नहीं किया और मोटी रकम ठग ली।
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