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पुलकित की फैक्ट्री में आखिर क्या है 'शार्ट सर्किट' का राज, शुरुआत से ही संदेह के घेरे में हत्या का प्रकरण

वनन्तरा रिसार्ट में महिला कर्मचारी की हत्या का मामला शुरुआत से ही विवादों में घिर गया था। अब पीएसी की मौजूदगी में बंद फैक्ट्री में आग लगने की घटना ने एक बार फिर वनन्तरा प्रकरण को गरमा दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarUpdated: Mon, 31 Oct 2022 02:00 AM (IST)
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वनन्तरा रिसार्ट में महिला कर्मचारी की हत्या का मामला शुरुआत से ही विवादों में घिर गया था।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: वनन्तरा रिसार्ट में महिला कर्मचारी की हत्या का मामला शुरुआत से ही विवादों में घिर गया था। पहले राजस्व पुलिस की लापरवाही, फिर पुलिस की मौजूदगी में वनन्तरा रिसार्ट में तोड़फोड़, आगजनी और महिला कर्मचारी के कक्ष को जेसीबी से ध्वस्त किए जाने के घटनाक्रम ने इस पूरे प्रकरण को संदेहास्पद बना दिया था।

पीएसी की मौजूदगी में बंद फैक्ट्री में आग

अब पीएसी की मौजूदगी में बंद फैक्ट्री में आग लगने की घटना ने एक बार फिर वनन्तरा प्रकरण को गरमा दिया है। पुलिस व प्रशासन भले ही प्राथमिक जांच में इस अग्निकांड का कारण बैटिरियों में हुए शार्ट सर्किट को बता रहा है। मगर, इस तर्क के बाद भी कई ऐसे सवाल हैं, जो इस प्रकरण में पुलिस व प्रशासन की जांच पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं।

ऐसे में फैक्ट्री के भीतर कैसे हो गया शार्ट सर्किट

वर्तमान में किसी भी बाहरी व्यक्ति को रिसार्ट व फैक्ट्री परिसर में जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में रविवार की सुबह फैक्ट्री में आग लगने की घटना ने एक बार फिर से सभी को चौंका कर रख दिया है। बात तब और भी हैरान करने वाली है कि फैक्ट्री व रिसार्ट की बिजली करीब डेढ़ माह से कटी हुई है, ऐसे में फैक्ट्री के भीतर शार्ट सर्किट कैसे हो गया।

इसल‍िए भी सवाल उठना है लाजमी

यदि फैक्ट्री के भीतर रखी बैटरियों में शार्ट सर्किट होने की बात को भी सही माना जाए तो, तब भी यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतने संवेदनशील मामले में बैटरी और इनवर्टर जैसे उपकरणों को अब तक क्यों डिस्कनेक्ट नहीं किया गया। फैक्ट्री में पहले भी आग की घटना हो चुकी है, ऐसे में फैक्ट्री के भीतर आग को उत्प्रेरित करने वाले सामान गत्ते की पेटियों, प्लास्टिक कंटेनर तथा रसायनों को क्यों लापरवाही के साथ छोड़ा गया।

जवाब देना भी नहीं होगा आसान

वनन्तरा प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी ने अभी तक चार्जसीट न्यायालय में भी दाखिल नहीं की है, ऐसे में यहां हो रही संदिग्ध घटनाओं से सवाल उठने लाजिमी हैं। बहरहाल इस अग्निकांड की विस्तृत जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी। मगर, तब तक वनन्तरा प्रकरण में जांच की भूमिका पर प्रश्न उठाने वालों को इस अग्निकांड का जवाब देना भी आसान नहीं होगा।

भूतल में आती आग तो होता बड़ा नुकसान

वनन्तरा रिसार्ट परिसर में रविवार को फैक्ट्री के प्रथम तल में स्थित प्लांट में आग लगी। जिससे यहां रखा सामान बड़ी मात्रा में जल गया। यह भी शुक्र रहा कि इस भीषण आग पर इसी तल में काबू पा लिया गया। यदि आग भूतल वाले प्लांट में आ जाती तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था। दरअसल भूतल में एक बड़ी क्षमता का शक्तिशाली ब्वायलर लगा हुआ है।

धमाके के साथ फट सकता था ब्वायलर

यदि इस ब्वायलर तक आग पहुंच जाती तो यह बड़े धमाके के साथ फट सकता था। आग की घटना के बाद जब एक स्थानीय इलेक्ट्रिशियन को यहां बैटरी तथा इनवर्टर की तारों को डिस्कनेक्ट करने के लिए बुलाया गया तो एक बार के लिए हाथ खड़े कर दिए। इलेक्ट्रिशियन का कहना था कि यदि ब्वायलर में आग लगने से ब्लास्ट हो गया तो आसपास का सबकुछ खत्म हो जाएगा। हालांकि बाद में ब्वायलर की सही स्थिति का आकलन करने के बाद इस इलेक्ट्रिशियन ने प्रथम तल पर जाकर बैटरी व इनवर्टर की तारों को डिस्कनेक्ट किया।

फैक्ट्री के नाम पर है करोड़ों का ऋण

वनन्तरा प्रकरण के मुख्य आरोपित पुलकित आर्य ने इस फैक्ट्री के नाम पर बैंक से करोड़ों रुपये का ऋण भी लिया हुआ है। कुछ ऋण तो सरकार की ओर से सब्सिडी सहित भी दिया गया है। ऐसे में फैक्ट्री में आग की घटना और भी संदेह पैदा करती है। महिला कर्मचारी की हत्या के बाद से बंद पड़ी इस फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में तैयार कैंडी, कच्चा माल तथा अन्य सामग्री ज्यों की त्यों पड़ी हुई है। ऐसे में यह अग्निकांड अपने आप में एक सवाल से कम नहीं है।

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