डोईवाला में सुसवा नदी के 346 हेक्टेयर के एक खाता को कब्जे में लिए जाने का मामला, जमीन की खरीद बिक्री पर रोक
डोईवाला तहसील के मारखम ग्रांट-द्वित्तीय में सुसवा नदी के 346 हेक्टेयर के एक खाता को कब्जे की जद में लिए जाने का मामला सामने आया है। यह प्रकरण जिलाधिकारी सोनिका की सक्रियता से शीघ्र पकड़ में आ गया। साथ ही उपजिलाधिकारी डोईवाला शैलेंद्र सिंह नेगी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से पूरे खाते में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।....
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 01 Aug 2023 01:09 PM (IST)
जागरण टीम, देहरादून: डोईवाला तहसील के मारखम ग्रांट-द्वित्तीय में सुसवा नदी के 346 हेक्टेयर के एक खाता को कब्जे की जद में लिए जाने का मामला सामने आया है। यह प्रकरण जिलाधिकारी सोनिका की सक्रियता से शीघ्र पकड़ में आ गया।
साथ ही उपजिलाधिकारी डोईवाला शैलेंद्र सिंह नेगी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से पूरे खाते में जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। जिलाधिकारी की पिछली जनसुनवाई में मारखम ग्रांट क्षेत्र के कुछ लोग शिकायत लेकर पहुंचे थे जिसमें उन्होंने यह कहा था कि उन्हें जो भूमि बेची गई हैं, उसमें खसरा नंबर बदले प्रतीत हो रहे हैं।
यह जानकारी मिल रही है कि जो जमीन उन्होंने खरीदी है, वह खसरा नंबर अन्यत्र है। जिसके चलते बैंक उन्हें ऋण प्रदान नहीं कर रहे। जिलाधिकारी सोनिका ने प्रकरण में उपजिलाधिकारी डोईवाला को जांच के निर्देश दिए थे।
जनसुनवाई में डीएम ने पिछली शिकायतों का मांगा अपडेट
सोमवार को आयोजित जनसुनवाई में जिलाधिकारी ने पिछली शिकायत का अपडेट मांगा। उपजिलाधिकारी डोईवाला शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि प्रकरण में कुछ गंभीर प्रकृति की बातें सामने आ रही हैं। उन्होंने बताया कि मारखम ग्रांट में सुसवा नदी का 346 हेक्टेयर का एक खाता है। इसमें नदी श्रेणी की भूमि के साथ ही निजी भूमि भी है।
ऐसे में वह आशंका बढ़ गई है कि कुछ व्यक्तियों को जो जमीन बेची गई है, वह या तो नदी श्रेणी की है या उनका की बातें सामने आ रही हैं। उन्होंने कब्जा किसी दूसरी निजी भूमि पर करा दिया गया है। हालांकि, बात की भी प्रबल आशंका है कि नदी श्रेणी की भूमि पर भी कब्जा करा दिया गया है। लिहाजा, तत्काल प्रभाव से यहां जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई है।
होगा सीमांकन, दुरुस्ती की कार्रवाई भी होगी
मारखम ग्रांट में वास्तविक भूमि पर कब्जे को लेकर भटक रहे नागरिकों के साथ ही नदी श्रेणी की भूमि को बचाने के लिए जिला प्रशासन सीमांकन कराने की तैयारी कर रहा है। साथ ही प्रभावित नागरिकों के आवेदन पर भूमि का सीमांकन और दुरुस्ती की कार्रवाई की जा रही है।
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