सीबीएसई ने कम सुविधा वाले स्कूलों को दी छूट, पढ़िए पूरी खबर
परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर सीबीएसई ने कम संसाधनों वाले स्कूलों को छूट भी दी है। इसके लिए स्कूलों को बोर्ड ने पत्र भेजकर जानकारी मांगी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 15 Jun 2020 04:52 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सीबीएसई ने स्थगित बोर्ड परीक्षाओं को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। परीक्षाएं एक जुलाई से शुरू होने जा रही हैं। परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर सीबीएसई ने कम संसाधनों वाले स्कूलों को छूट भी दी है। इसके लिए स्कूलों को बोर्ड ने पत्र भेजकर जानकारी मांगी है।
सीबीएसई की स्थगित बोर्ड परीक्षाएं एक से 15 जुलाई तक होनी है। सीबीएसई ने परीक्षा के लिए स्कूलों को केंद्र नहीं रखने का विकल्प दिया है। अगर कोई स्कूल अपने यहां परीक्षा केंद्र नहीं बनाना चाहते तो वे यह विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन इसकी जानकारी बोर्ड को देनी होगी। सीबीएसई ने तमाम स्कूलों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। बदले हुए परीक्षा केंद्र के बारे में छात्र-छात्रओं को उनके स्कूल से सूचना दी जाएगी। बोर्ड के छूट देने के बाद छात्रों की समस्या बढ़ भी सकती है। छात्रों ने परीक्षा केंद्र अपनी सुविधा के हिसाब से ही चुने हैं। अब अगर कोई स्कूल होम सेंटर का विकल्प नहीं चुनता है तो वहां के छात्रों को परीक्षा के लिए दूसरे केंद्रों पर जाना होगा।
शिक्षकों को लेकर अब बोर्ड लेगा फैसला
प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। लेकिन कई शिक्षक मूल्यांकन केंद्रों पर अब तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तराखंड बोर्ड को भेजेंगे। बोर्ड की ओर से ही ऐसे शिक्षकों पर अग्रिम फैसला लिया जाएगा। देहरादून में जीजीआइसी राजपुर रोड को 10वीं और 12वीं कक्षाओं का मिश्रित मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है।
मूल्यांकन केंद्र पर पहले दिन 33 शिक्षक नहीं पहुंचे थे। रविवार को भी 40 से ज्यादा शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर नहीं पहुंचे। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली ने बताया कि अधिकतर शिक्षक मूल्यांकन के लिए पहुंच रहे हैं। कई शिक्षक पहले ही मेडिकल लीव और दूसरे कारणों से अवगत करा चुके हैं। देहरादून में शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन के चलते भी मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचना कुछ शिक्षकों के लिए मुश्किल रहा। जो शिक्षा बिना सूचना के मूल्यांकन केंद्रों पर नहीं पहुंचेंगे, ऐसे शिक्षकों की सूची उत्तराखंड बोर्ड को भेजी जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर फैसला बोर्ड ही करेगा।
प्राथमिक स्कूलों में भर्ती शुरू करे प्रदेश सरकारडीएलएड प्रशिक्षित बैच 2017-19 ने सरकार और शिक्षा विभाग से प्राथमिक विद्यालयों में जल्द भर्ती शुरू करने की मांग की है। उन्होंने राजकीय डायट से डीएलएड कर चुके प्रशिक्षितों को भर्ती में वरीयता देने की मांग भी की है। उन्होंने इस संबंध में शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है।राजकीय डायट से डीएलएड प्रशिक्षित बैच 2017-19 लंबे समय से प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती शुरू करने की मांग कर रहा है। बैच के मीडिया प्रभारी दीपक चौधरी ने कहा कि मांग को लेकर उनका आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। राजकीय डाइट प्रवेश परीक्षा और सरकारी मानकों पर खरा उतरकर प्रशिक्षण पूरा करता है। जबकि कई लोग बाहरी राज्यों से बिना प्रवेश परीक्षा के ही डीएलएड कर लेते हैं।
यह भी पढ़ें: सीबीएसई ने दिव्यांग छात्रों को दी परीक्षा न देने की छूटराज्य की संशोधित गाइड लाइन के अनुसार दूसरे राज्यों से डीएलएड कर चुके प्रशिक्षितों को भी राजकीय डायट के समान रखा जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है। बताया कि पिछले महीने शिक्षा मंत्री के आदेश के बावजूद इस पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। उधर, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि उन्होंने प्रशिक्षितों की मांग के आधार पर प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। शासन स्तर से निर्देश मिलने पर इस पर कार्रवाई की जाएगी।
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