CBSE Exam Results 2023: नतीजों पर भी दिखा कोरोना का प्रभाव, 12वीं के परिणाम में खासी गिरावट
CBSE Exam Results 2023 कोरोना ने वर्ष 2020 में देश में दस्तक दी थी। कोरोना महामारी का प्रभाव अब सीबीएसई के नतीजों पर भी दिखा है। खासकर बारहवीं के परीक्षा परिणाम में खासी गिरावट देखने को मिली है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: CBSE Exam Results 2023: कोरोना महामारी के दौरान लगभग दो साल तक शिक्षा व्यवस्था प्रभावित रही। स्कूल लंबे वक्त बंद रहे और परीक्षाएं तक निरस्त करनी पड़ी।
छात्र-छात्राओं को भले ही आनलाइन पढ़ाई कराई गई, पर इसने सीखने की क्षमता को प्रभावित किया। यही प्रभाव अब सीबीएसई के नतीजों पर भी दिखा है। खासकर बारहवीं के परीक्षा परिणाम में खासी गिरावट देखने को मिली है।
लाकडाउन में स्कूलों पर भी ताला पड़ गया
कोरोना ने वर्ष 2020 में देश में दस्तक दी थी। जिसका सामाजिक, आर्थिक सहित तमाम क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। शिक्षा व्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रह सकी। लाकडाउन में स्कूलों पर भी ताला पड़ गया और पठन-पाठन आनलाइन माध्यम तक सिमट गया। जानकार तब भी यही मान रहे थे कि आनलाइन शिक्षा संकट की इस घड़ी में 'मजबूरी में जरूरी तो हो सकती है, पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकल्प नहीं।
इससे सीखने की क्षमता प्रभावित होगी। इस बीच कोरोना संक्रमण बढ़ा, तो बोर्ड परीक्षा भी निरस्त करनी पड़ी। 2021 में बोर्ड परीक्षा कोविड-19 महामारी के कारण रद कर दी गई थी और छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन पर पास किया गया था। यही बैच इस साल बारहवीं की परीक्षा दे रहा था।
जानकार यह मान रहे हैैं कि हाईस्कूल में बिना परीक्षा छात्र प्रमोट किए गए। वहीं, 11वीं की पढ़ाई भी कोरोना के कारण प्रभावित हुई। इस साल बोर्ड परीक्षा अपने सामान्य प्रारूप में लौट आई, पर छात्र इस मनोदशा में नहीं लौट पाए हैैं। यही कारण है देहरादून रीजन में बारहवीं में परीक्षा परिणाम में 5.13 प्रतिशत की गिरावट आई है। कोरोना के कारण पठन-पाठन में आए व्यवधान का ही असर है कि दसवीं में भी परिणाम 2.82 प्रतिशत कम रहा है।
कोरोना काल में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई। 2021 में छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किया गया। वहीं, 11वीं में भी पठन-पाठन काफी वक्त प्रभावित रहा। इन दो साल का प्रभाव रिजल्ट पर भी दिखा है।
- डा. रणबीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी सीबीएसई
2021 में बोर्ड परीक्षा रद कर दी गई थी। तब दसवीं में रहे छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट किया गया। जिसने बच्चों की मनोदशा पर भी प्रभाव डाला। वहीं, उन्होंने सीधा बारहवीं में बोर्ड परीक्षा दी। जिसका असर नतीजों पर दिखा है।
-दिनेश बर्तवाल, प्रधानाचार्य, दून इंटरनेशनल