CBSE Results 2023: अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के निराशाजनक परिणाम पर सभी CEO से रिपोर्ट तलब, होगी आगे की कार्रवाई
CBSE Results 2023 सीबीएसई से संबद्ध अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का परीक्षा परिणाम उम्मीद के विपरीत रहा है। अब महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने अटल विद्यालयों के बोर्ड परीक्षा परिणाम पर सख्त नाराजगी व्यक्त कर सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों (सीईओ) से रिपोर्ट तलब की है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: CBSE Results 2023: सीबीएसई से संबद्ध अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का परीक्षा परिणाम उम्मीद के विपरीत रहा है। 12वीं का परिणाम 51.49 प्रतिशत, जबकि 10वीं का परीक्षा परिणाम 60.49 रहा। यानी उच्चकोटि की शिक्षा मुहैया कराने के दावों पर अटल विद्यालय कहीं नहीं ठहर पाए।
इस परिणाम को विद्यालयी शिक्षा विभाग ने भी गंभीरता से लिया है। महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने अटल विद्यालयों के बोर्ड परीक्षा परिणाम पर सख्त नाराजगी व्यक्त कर सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों (सीईओ) से रिपोर्ट तलब की है।
शनिवार को जारी महानिदेशक तिवारी के आदेश के अनुसार जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम रहा, उनसे सीईओ स्पष्टीकरण तलब करेंगे। इसके साथ ही जिन विषय अध्यापकों का परीक्षाफल सीबीएसई देहरादून रीजन के औसत से कम रहा, उनके विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। महानिदेशक के अनुसार विद्यालयों से स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कंपार्टमेंट की श्रेणी वाले छात्रों के स्कूल अवकाश में खुलेंगे
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि जिन छात्रों को कंपार्टमेंट की श्रेणी में रखा गया है, उनकी तैयारी सुनिश्चित की जाएगी। ऐसे छात्रों से संबंधित विद्यालय ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी खोले जाएंगे। इन विद्यालयों के प्रधानाचार्य व सभी शिक्षक भी उपस्थित रहकर छात्र-छात्राओं की तैयारी सुनिश्चित कराएंगे।
शिक्षा विभाग के कार्मिकों के बयान देने पर रोक
शिक्षा विभाग के कार्मिकों के इंटरनेट मीडिया व दैनिक समाचार पत्रों में बयान देने पर रोक लगा दी गई है। विभाग के विरुद्ध दिए गए किसी भी बयान पर संबंधित के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने शनिवार को इस बाबत आदेश जारी किए। जिसमें कहा गया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि समय-समय पर इंटरनेट मीडिया व दैनिक समाचार पत्रों में विभाग के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं।
यह कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है। इससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है। कहा गया है कि किसी भी कार्मिक या संगठन के प्रतिनिधि को अपनी बात रखनी है तो वह सक्षम स्तर पर, विभागीय अधिकारी के सम्मुख रखें।
सीमैट, एससीईआरटी में चार साल से डटे कार्मिक हटेंगे
शिक्षा विभाग का एक और आदेश भी कुछ कार्मिकों को परेशान कर सकता है। चार वर्षों से अधिक समय से सीमैट, एससीईआरटी. बोर्ड कार्यालय, डायट आदि में कार्यरत कार्मिकों का अब अनिवार्य तबादला किया जाएगा। महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस बाबत आदेश जारी किया है।
महानिदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कुछ कार्मिक कई वर्षों से विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं, पर उनके नाम स्थानांतरण पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं हैं। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी कार्मिक, जो इन संस्थानों में चार वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा।
ऐसे स्थानांतरित शिक्षक को किसी भी दशा में एससीईआरटी व डायट में पदस्थापित नहीं किया जाएगा। यदि ऐसे शिक्षक पात्रता सूची में सम्मिलित होने से छूटे गए हैं, तो उन्हें तत्काल पात्रता सूची में सम्मिलित कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, स्थानांतरण नियमावली की धारा-7 के तहत कई शिक्षक व कर्मचारी दुर्गम में नियुक्ति को लेकर विशेष छूट पाते हैं। ऐसे कार्मिकों को डायट और एससीईआरटी का सहारा मिल जाता है। यह भी देखा गया है कि राजनीतिक पैठ रखने वाले कई कार्मिक यहां अपनी तैनाती करवा दुर्गम से बच जाते हैं।