Diwali: देवभूमि में दीपोत्सव आज, ज्योतिषाचार्यों से जानें उत्तराखंड में क्या है लक्ष्मी पूजन का शुभ मूहुर्त?
दीवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी से भरपूर है। इस साल दीवाली 2024 में मनाई जाएगी। उत्तराखंड में ज्योतिषाचार्यों ने लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त बताया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी भक्तों के घरों पर आकर उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। जानिए इस बार दीवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कब है और उत्तराखंड में दीवाली की तैयारियां कैसी हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Diwali Puja Shubh Muhurat 2024: रोशनी व खुशी का पर्व दीपावली आज हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। धनतेरस के बाद दीपावली की पूर्व संध्या पर बाजार गुलजार रहे। सुबह से देर रात तक बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही।
पूजन सामग्री के साथ, मिष्ठान, ज्वेलरी, आटो, इलेक्ट्रानिक, गिफ्ट आइटम खूब बिके। सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए बाजार में विभिन्न जगहों पर पुलिस तैनात रही, लेकिन भीड़ के चलते मुख्य बाजार में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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देर रात तक खूब हुई खरीदारी
दीपावली को लेकर के लोगों ने तैयारी पूरी कर ली है। सगे संबंधियों से मिलने व उन्हें उपहार देने व खरीदारी का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। देर रात तक पलटन बाजार, घंटाघर, हनुमान चौक, धर्मपुर, पीपल मंडी, प्रेमनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों में दुकानों पर लोग ने खूब खरीदारी की।
घरों को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीये, लड़ियां, खील-बतासे, मिठाई, गिफ्ट आइटम, ड्राइफ्रूट, फल, सजावटी सामान, ग्रीन पटाखे, फूल व आम के पत्तों की माला की खूब खरीदारी की।
मोबाइल फोन व इलेक्ट्रानिक आइटम की भी खूब बिक्री हुई
इसके अलावा दीपावली के लिए खास कपड़ों के साथ ज्वेलरी, एक-दूजे को उपहार देने के लिए मिठाई व पटाखे खरीदे। मोबाइल फोन व इलेक्ट्रानिक आइटम की भी खूब बिक्री हुई। लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा के तहत लोग ने मिट्टी व कीमती धातु से बनी मूर्तियों के साथ ही कैलेंडर की खरीदारी भी की। ज्वेलरी बाजार में भी खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही। धनतेरस के बाद दीपावली को लेकर खरीदारी से दुकानदारों के चेहरे खिले रहे।यह भी पढ़ें- Diwali 2024: दिल्ली आइएसबीटी पर उत्तराखंड के यात्रियों में सीट के लिए मारामारी, दून आने वाली बसें फुल; ट्रेनें पैकनरक चतुर्दशी पर की आराधना
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुदर्शी मनाई गई। लोगों ने मृत्यु के देवता यमराज, मां काली व श्रीकृष्ण की आराधना की। यमराज को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से दीये जलाए। आचार्य डा सुशांत राज के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इस दिन नरकासुर को मारने के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है।आज दो घंटा 15 मिनट तक रहेगा पूजा का मुहूर्त
- कार्तिक मास की अमावस्या को आज दीपावली मनाई जाएगी।
- इस दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी, कुबेर व बही खाता का पूजन करते हैं।
- आचार्य पीयूष पांडे के अनुसार, वैदिक पंचांग के अनुसार दोपहर तीन बजकर 12 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू होगी, जो शुक्रवार को पांच बजकर 14 मिनट तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा शुरू हो जाएगी।
- दीपावली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या तिथि के रहने पर और प्रदोषकाल यानी सूर्यास्त के बाद से देर रात तक करने का विधान है।
- ऐसे में लक्ष्मी-गणेश की पूजा का मुहूर्त शाम छह बजकर 17 मिनट से रात आठ बजकर 32 मिनट, जबकि निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। दीपावली पर पूरा देश दीये की रोशनी से जगमगा उठता है।