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केरोसिन वितरण पर केंद्र चिंतित, पात्रता भी बदली; पढ़िए पूरी खबर

केंद्र सरकार ने केरोसिन की बंदरबाट पर नाराजगी जाहिर की है। केंद्र ने साफ कहा है कि किसी भी स्थिति में अपात्रों को केरोसिन का वितरण न हो।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Fri, 10 May 2019 02:42 PM (IST)
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केरोसिन वितरण पर केंद्र चिंतित, पात्रता भी बदली; पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। केरोसिन की बंदरबांट पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई है। केंद्र ने साफ कहा है कि किसी भी स्थिति में अपात्रों को केरोसिन का वितरण न हो। केंद्र ने उत्तराखंड में केरोसिन वितरण में गड़बड़ियां पाई हैं। ऐसे में केंद्र ने केरोसिन की पात्रता मानक में भी परिवर्तन कर दिया है। नए नियमानुसार, अब एनएफएसए और अंत्योदय परिवार केरोसिन के लिए पात्र होंगे। हालांकि, जिलाधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यदि इस श्रेणी में गैर जरूरतमंद परिवार हों तो उन्हें किसी भी सूरत में केरोसिन वितरण न किया जाए।   

केंद्र सरकार की ओर से जारी नए शासनादेश में भी अपात्रों को केरोसिन वितरण पर चिंता जाहिर की गई है। इसमें उत्तराखंड को केरोसिन वितरण में सुधार लाने की हिदायत दी गई है। केंद्र ने केरोसिन के लिए नई पात्रता सफेद राशन कार्डधारक (राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना) और अंत्योदय कार्डधारक (अंत्योदय सुरक्षा योजना) को पात्रता श्रेणी में रखा है, जबकि अभी तक एलपीजी और बिजली कनेक्शन से वंचित परिवारों को इस दायरे में रखा गया था।

दरअसल, इस श्रेणी के परिवारों की संख्या बेहद कम है, लेकिन फिर भी विभाग की ओर से केरोसिन बड़े पैमाने पर बांटा जाता रहा है। इसी को देखते हुए केंद्र ने पात्रता मानक में थोड़ी ढील दी है, लेकिन वास्तविक जरूरतमंद को लाभ पहुंचाने को डीएम व डीएसओ की जिम्मेदारी भी तय की है। इस पर जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने कहा कि मार्च तक का केरोसिन नए शासनादेश के अनुसार ही वितरित किया जा रहा है। 

केरोसिन वितरण पर उठते रहे सवाल 

देहरादून जिले में केरोसिन वितरण पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। पिछले पात्रता नियम के आधार पर जिलेभर में केरोसिन वितरण में दिसंबर 2018 तक जिले में एक लाख 70 हजार लीटर से एक लाख 80 हजार लीटर तक केरोसिन प्रति माह बांटा गया। जो कि पात्रों की संख्या से कई अधिक है। 

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