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केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ हुई बैठक में उठे कई मुद्दे, मनरेगा में सौ 150 दिन रोजगार का सुझाव

कोरोना महामारी को देखते हुए मनरेगा के तहत प्रत्येक परिवार को सौ की बजाए 150 अथवा 200 दिन का रोजगार दिया जाना चाहिए।

By Edited By: Updated: Thu, 30 Apr 2020 02:59 PM (IST)
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केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ हुई बैठक में उठे कई मुद्दे, मनरेगा में सौ 150 दिन रोजगार का सुझाव
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए मनरेगा के तहत प्रत्येक परिवार को सौ की बजाए 150 या 200 दिन का रोजगार दिया जाना चाहिए। केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों, सचिवों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने यह सुझाव रखा। उनियाल के मुताबिक उन्होंने उद्यान और कृषि से जुड़े कार्यों को मनरेगा में शामिल करने का भी आग्रह किया, जिस पर केंद्रीय ग्राम्य विकास राज्यमंत्री ने सहमति जताई। 

केंद्रीय मंत्री तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कहा कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं। इस कड़ी में मनरेगा के तहत 20 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। इसी तरह पीएमजीएसवाई और पीएम आवास योजना भी रोजगार मुहैया कराने में सक्षम है। कॉन्फ्रेंसिंग के दरम्यान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से सुझाव भी दिए गए। कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार उन्होंने राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का जिक्र भी किया। 
उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट से फूलों की खेती का 250 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। सुझाव दिया कि यदि कृषि एवं उद्यान से जुड़े कार्यों को मनरेगा में शामिल कर लिया जाए तो इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल मिलेगा।
कृषि मंत्री ने पीएम आवास का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना में गत वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में 12 हजार आवास की स्वीकृति मिली थी, जबकि मांग 94 हजार आवास की है। उन्होंने इस योजना में ज्यादा धनावंटन की मांग की। कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। रिवर्स पलायन के मद्देनजर मिले रिलीफ पैकेज कृषि मंत्री के अनुसार उन्होंने यह सुझाव भी रखा कि राज्य में गरीब परिवारों और रिवर्स पलायन करने वाले लोगों के स्वरोजगार के लिए रिलीफ पैकेज या नई योजना लाई जा सकती है। इसके साथ ही राज्य की 670 न्याय पंचायतों में ग्रामीण हाट की स्थापना की स्वीकृति देने का आग्रह भी किया।
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