भाजपा विधायक चैंपियन बोले, मैंने पार्टी से कभी नहीं मांगी माफी
विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने फिर दोहराया है कि वे महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते हैं। साथ ही कहा कि उन्होंने भाजपा से कभी माफी नहीं मांगी।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 16 Apr 2019 08:34 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पखवाड़ेभर से अधिक समय से भाजपा के लिए किरकिरी का सबब बने खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने पार्टी की ओर से उन्हें भेजे कारण बताओ नोटिस के बारे में मंगलवार को देहरादून में कहा कि 'मैं चैंपियन हूं, क्रांतिकारी हूं, नोटिस तो आएंगे ही। मेरी कार्यशैली ही ऐसी है।' पूछे जाने पर चैंपियन ने कहा कि पिछली बार मिले नोटिस पर उन्होंने कभी पार्टी से माफी नहीं मांगी। खेद प्रकट किया था। साथ ही जोड़ा कि यह घर का मसला है और वह पार्टी को जवाब देंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि वह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते। राष्ट्रपिता की उपाधि संविधान निर्माता डॉ.बीआर आंबेडकर को देने के साथ ही देश की मुद्रा पर डॉ. आंबेडकर के चित्र अंकित करने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर आपत्तिजनक टिप्पणियां भी कीं। साथ ही देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी को जिम्मेदार ठहराया।
खानपुर विधायक चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य इन दिनों जुबानी जंग छिड़ी हुई है। इस जंग में भाषा की मर्यादा की सीमाएं लांघे जाने से भाजपा की छीछालेदर हो रही है। हालांकि, पार्टी की ओर से दोनों विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में सोमवार को कारण बताओ नोटिस भेजे गए, मगर इसका भी असर नजर नहीं आ रहा। मंगलवार को देहरादून पहुंचे भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के विवादित बोल नहीं थमे। इसने पार्टी को एक बार फिर असहज स्थिति में ला दिया।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुए विधायक चैंपियन ने कहा कि वह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते। इसके पीछे तर्क दिया कि गांधीजी के भीतर अहम, अहंकार, क्रोध, क्षोभ व मानवीय कमजोरियां थीं। इसलिए उनका मन उन्हें राष्ट्रपिता नहीं मानता। उन्होंने कहा कि भारत गणराज्य को अतुलनीय संविधान देने वाले डा. भीमराव आंबेडकर को राष्ट्रपिता की पदवी दी जानी चाहिए। चैंपियन ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर ज्ञापन दिया और इसे प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का भेजने का आग्रह किया।
उन्होंने यह भी कहा कि आजादी चरखे से नहीं, बल्कि क्रांतिकारियों के बलिदान से मिली। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की। साथ ही कांग्रेस को भी घेरा और कहा कि दशकों से गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा, मगर ये गरीबों को ही हटाने पर तुले हैं।
झबरेड़ा विधायक कर्णवाल पर भी उन्होंने फिर हमला बोला और कहा कि यदि कोई ईंट मारेगा तो उसका जवाब पत्थर से ही दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायक कर्णवाल ने ही ऊलजुलूल आरोप लगाकर शुरुआत की। उन्होंने कर्णवाल को झूठा बताते हुए उनके जाति प्रमाणपत्र को लेकर सवाल उठाए। कहा कि इसे लेकर पुलिस को वह तहरीर दे चुके हैं, मगर मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा।
चैंपियन के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह बात तथ्यों के साथ रखी और कहा कि यदि बुधवार तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो वह कोर्ट की शरण लेंगे। इससे सरकार की किरकिरी होगी। उन्होंने कहा कि कर्णवाल पर उप्र में भी मुकदमे दर्ज हैं। वहां उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वह उप्र के मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कर्णवाल मोहरा बन रहे हैं। कुछ चुके हुए तीर इसे हवा दे रहे हैं। कहा कि यह चाय की प्याली के तूफान की तरह है।
वैसे 58 इंच का है सीनाचैंपियन ने कहा कि उनका सीना 53 इंच का है। 56 इंच के सीने की बात होती है, उस हिसाब से मेरा सीना 58 इंच का होगा। हालांकि, यह पूछने पर कि क्या यह किसी से तुलना है तो उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जुमला है।
हरीश रावत की सरकार गिराने में मेरी थी भूमिकाचैंपियन ने कहा कि वह चार बार से विधायक हैं। वह निर्दलीय भी विधायक रहे और कांग्रेस से भी। उन्होंने कहा कि 2016 में हरीश रावत की सरकार गिराने में उनकी अहम भूमिका थी। उन्होंने कहा कि पद को लेकर कभी भीख नहीं मांगी। पद कोई मायने नहीं रखता।
विधायक चैंपियन के बयान से भाजपा ने झाड़ा पल्ला खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए वक्तव्य से भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि विधायक चैंपियन की यह व्यक्तिगत राय हो सकती है, इससे पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के प्रति भाजपा की अगाध श्रद्धा है। उनसे प्रेरित होकर ही देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है।
विधायक चैंपियन लगातार कह रहे हैं कि वह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते। उनकी मांग है कि संविधान में संशोधन कर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को राष्ट्रपिता की उपाधि से अलंकृत कर देश की मुद्रा पर उनके चित्र अंकित किए जाएं। मंगलवार को देहरादून में भी उन्होंने यह बात दोहराई। साथ ही इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। ऐसे में भाजपा के सामने अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि, विधायक चैंपियन व विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य छिड़ी जुबानी जंग के मद्देनजर पार्टी दोनों को नोटिस भेज चुकी है, मगर अब महात्मा गांधी को लेकर विधायक चैंपियन के मुखर होने से पार्टी की परेशानी बढ़ गई है।
यद्यपि, पार्टी ने विधायक चैंपियन के वक्तव्य से पल्ला झाड़ लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि यह पार्टी की राय नहीं हैं और न पार्टी का कोई अधिकृत बयान। अभिव्यक्ति की आजादी के तहत यह विधायक चैंपियन की व्यक्तिगत राय हो सकती है, मगर पार्टी इससे इत्तेफाक नहीं रखती। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के प्रति भाजपा की अगाध श्रद्धा है।उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने एक वक्तव्य में कहा कि विधायक चैंपियन पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। इसलिए उनके निजी बयान से पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। साथ ही पार्टी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए और पार्टी के लिए अनुशासन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो उन्हें मानवता का मसीहा कहा है। डॉ.भसीन के अनुसार खानपुर व झबरेड़ा विधायकों को पार्टी की ओर से नोटिस देने से पहले और उसके बाद की हर बात का संज्ञान लिया जा रहा है। पार्टी की ओर से दोनों विधायकों को कड़ाई से कह दिया गया है कि वे बयानबाजी व किसी अन्य अनपेक्षित कार्यवाही से बचें। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखने के लिए पार्टी नेतृत्व कोई भी जरूरी कदम उठाने से संकोच नहीं करेगा। यह भी पढ़ें: भाजपा विधायक चैंपियन और कर्णवाल को नोटिस, जानिए पूरा मामलायह भी पढ़ें: भाजपा विधायक ने राष्ट्रपिता को लेकर दिया विवादित बयान, जानिए क्या कहायह भी पढ़ें: भाजपा के दो विधायकों की लड़ाई कुश्ती के अखाड़े तक पहुंची
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