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coronavirus का चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर, 26 से शुरू होनी है यात्रा; 14 के बाद होगी स्थिति साफ

coronavirus की रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन का असर 26 अप्रैल से शुरू होने जा रही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी पड़ने की संभावना है।

By Edited By: Updated: Wed, 01 Apr 2020 09:41 PM (IST)
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coronavirus का चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर, 26 से शुरू होनी है यात्रा; 14 के बाद होगी स्थिति साफ
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस कोविड-19 की रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन का असर 26 अप्रैल से शुरू होने जा रही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी पड़ने की संभावना है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सरकार का प्रयास रहेगा कि चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भीड़ न जुटे। इसे देखते हुए चारधाम के कपाट खुलने पर उन्हें सिर्फ पूजा तक सीमित किया जा सकता है। यानी, वहां सीमित संख्या में पुजारी पूजा करेंगे। हालाकि, सरकार सभी परिस्थितियों पर विचार कर रही है और यात्रा के संबंध में 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। 

चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा हर साल गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ शुरू होती है। इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल को खुलने हैं। यानी, इसी दिन से यात्रा की भी शुरुआत होगी, लेकिन मौजूदा दौर में कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर पनपी परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा को लेकर बड़ी चुनौती सरकार के सामने है। वजह यह कि वर्तमान में सरकार की शीर्ष प्राथमिकता कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम है। पूरा अमला इसमें जुटा हुआ है। इसी के दृष्टिगत 14 अप्रैल तक लॉकडाउन भी घोषित है। 

इन परिस्थितियों में अभी चारधाम यात्रा की तैयारिया भी नहीं हो पाई हैं। अब तो चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद ये सभी व्यवस्थाएं खुद सरकार को ही करनी हैं। फिर वर्तमान में कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर किसी भी स्थान पर भीड़ को उमडऩे न देना हर पहली प्राथमिकता है। वैसे भी चारधाम में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। ऐसे में माना जा रहा कि कोरोना संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया जा सकता है कि चारधाम के कपाट खुलें और वहा सिर्फ सीमित संख्या में पुजारी ही पूजा पाठ करें। वहा किसी तरह से भीड़भाड़ न होने पाए।

सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर सरकार सभी पहलुओं पर गंभीरता से मंथन कर रही है। वैसे भी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है और सरकार का पूरा ध्यान कोरोना के संकट से राज्य को बचाना है। परिस्थितियों को देखते हुए 14 अप्रैल के बाद ही चारधाम यात्रा के संबंध में फैसला लिया जाएगा। 

तय तिथियों पर खुलेंगे चारधाम के कपाट

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट तय समय पर निर्धारित तिथियों को ही खुलेंगे। उन्होंने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से हुई वार्ता का हवाला देते हुए कहा कि कपाट खुलने पर चारधाम में पूर्ववत पूजा पद्धति के हिसाब से सभी पूजाएं होंगी। मुख्य पुजारी, रावल, वेदपाठी पूजा में रहेंगे। 

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उन्होंने कहा कि आगे की व्यवस्थाओं के संबंध में परिस्थितियों को देखकर निर्णय लिया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऋषिकेश में गाडू घड़ा(तेल कलश) या रास्तों के उत्सव के संबंध में परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल ये तय किया गया है कि गाडू घड़ा, डोरी यात्रा बेहद सादगी के साथ होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार की मंशा ज्यादा भीड़भाड़ करने की नहीं है। लिहाजा, जो लोग मंदिर से जुड़े हैं, वही साधारण पूजा-पाठ करते रहेंगे। 

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