केदारनाथ समेत चारधाम के कपाट शीतकाल के लिए इन तिथियों में होंगे बंद, जानिए
केदारनाथ के कपाट 29 अक्टूबर बदरीनाथ के कपाट 17 नवंबर गंगोत्री के कपाट 18 अक्टूबर और यमुनोत्री के कपाट 29 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 08 Oct 2019 08:07 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। चार धाम यात्रा अब अंतिम पड़ाव पर है। शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई हैं। विजयदशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का एलान कर दिया गया। धाम के कपाट 17 नवंबर को सायं 5.13 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। मंगलवार को केदारनाथ और गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त भी निकाला गया। जबकि यमुनोत्री के लिए मुहूर्त बुधवार को निकाला जाएगा। गौरतलब है कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 29 अक्टूबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 28 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे।
मंगलवार को बदरीनाथ धाम में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने तिथि की घोषणा की। उन्होंने बताया कि परंपरा केअनुसार 13 नवंबर से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसकेतहत 13 को गणेश पूजन, 14 को आदि केदारश्वर के कपाट बंद, 15 को खडग व पुस्तक पूजा और 16 नवंबर को देवी लक्ष्मी को गर्भ गृह में आने का न्योता दिया जाएगा।
17 नवंबर को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान का फूलों से शृंगार होगा। धर्माधिकारी ने बताया कि कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बदरीनाथ को पहनाए जाने वाला घृत कंबल को बनाने का कार्य माणा की कुवांरी कन्याओं ने शुरू कर दिया है। परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष माणा की कुंवारी कन्याएं घृत कंबल बनाती हैं।
दूसरी ओर विजयदशमी के पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त भी निकाला गया। इसके तहत धाम के कपाट सुबह 8.30 बजे बंद होंगे। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट 28 अक्टूबर को सुबह 11.40 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
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मद्महेश्वर और तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित विजयदशमी के अवसर पर द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद करने की तिथियां भी घोषित कर दी गईं। ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बदरी-केदार मेंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में पंचांग गणना के बाद तिथियों का एलान किया गया। इसके तहत मद्महेश्वर के कपाट 21 नवंबर को प्रात: सात बजे और तुंगनाथ के कपाट छह नवंबर को सुबह 11.30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, आचार्य हर्ष जमलोकी, वेदपाठी यशोधर मैठाणी मौजूद थे।
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