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Chardham Yatra 2024 के लिए एसओपी तैयार, जल्‍द होगी लागू; इन तीन चीजों का रखा गया खास ध्‍यान

Chardham Yatra 2024 पुलिस महानिरीक्षक (पीएसी) अरुण मोहन जोशी ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्था का जायजा लेकर एसओपी तैयार की है। बता दें कि चारधाम में तीर्थयात्रियों के बढ़ते दबाव पर सरकार ने अनुभवी अधिकारियों को यात्रा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए भेजा था। एसओपी को आइजी एक या दो दिनों में पुलिस महानिदेशक के माध्यम से सरकार को सौंपेंगे।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 22 May 2024 01:02 PM (IST)
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Chardham Yatra 2024: यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों की आर्थिकी, आजीविका और रोजगार का भी रखा जाएगा ध्यान
जागरण संवाददाता, देहरादून: Chardham Yatra 2024: पुलिस महानिरीक्षक (पीएसी) अरुण मोहन जोशी ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्था का जायजा लेकर एसओपी तैयार की है। एसओपी में तीर्थयात्रियों को यात्रा मार्ग पर किसी तरह की दिक्कतें न उठानी पड़ें और देवभूमि से अच्छे अनुभव के साथ लौटें, इसका पूरा ख्याल रखा गया है।

साथ ही यात्रा को स्थानीय अर्थव्यवस्था, आजीविका और रोजगार से कैसे जोड़ा जाए, इसको भी ध्यान में रखा गया है। इस एसओपी को आइजी एक या दो दिनों में पुलिस महानिदेशक के माध्यम से सरकार को सौंपेंगे। चारधाम में तीर्थयात्रियों के बढ़ते दबाव पर सरकार ने अनुभवी अधिकारियों को यात्रा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए भेजा था।

पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को दो धामों की जिम्‍मेदारी

यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को दी थी। जोशी ने देहरादून से विकासनगर, डामटा, नौगांव, बड़कोट, खारदी, पालीगाड़, स्याना, राणाचट्टी, जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री पैदल मार्ग होते हुए यमुनोत्री धाम तक यात्रा व्यवस्था को देखा।

इस दौरान ट्रैफिक प्लान, बैरियर सिस्टम, गेट सिस्टम, होल्डिंग प्वाइंट और पार्किंग स्थलों का निरीक्षण किया। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों तथा यात्रा से जुड़े व्यवसायियों से फीडबैक लिया। यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग में घोड़ा, कंडी, डंडी संचालन से लेकर मंदिर में भीड़ प्रबंधन को देखा।

इस दौरान मंदिर समिति के पदाधिकारियों से बातचीत कर आइजी जोशी ने यात्रा व्यवस्था में सहयोग देने को कहा, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की अव्यवस्था न झेलनी पड़े। यमुनोत्री धाम से नीचे उतर कर आइजी ने गंगोत्री रूट के सिलक्यारा, ब्रह्मखाल, धरासू, डुंडा, मातली, उत्तरकाशी शहर, नेताला, मनेरी, भटवाड़ी, गंगनानी, सुक्की, हर्षिल से लेकर गंगोत्री तक व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान गंगोत्री धाम में तीर्थयात्रियों, यात्रा व्यवस्था में जुटे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की।

आइजी ने कहा कि धामों के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने बेहतर प्रबंध किए हैं। धामों में क्षमता से अधिक दर्शनार्थियों को नियंत्रित करने को इस सीजन के साथ भविष्य के लिए भी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की जा रही है।

आर्थिकी, आजीविका और रोजगार पर फोकस

तीर्थयात्रियों को अच्छे से दर्शन हों तथा रास्ते से लेकर धाम तक कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है। आइजी जोशी ने यात्रा को लेकर बनाई गई एसओपी में सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित यात्रा के साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी, आजीविका और रोजगार पर फोकस किया है।

इसमें स्थानीय उत्पादों को बाजार, होम स्टे से लेकर धामों के आसपास के पर्यटक स्थलों और धार्मिक स्थलों की तरफ कैसे तीर्थयात्री आकर्षित हों, इसको भी भविष्य की एसओपी में शामिल किया जाएगा।

आइजी ने एक घंटे में चढ़ी छह किमी की चढ़ाई यमुनोत्री धाम में जानकीचट्टी से धाम तक छह किमी की खड़ी चढ़ाई है। इस दूरी को पार करने में दो से तीन घंटे लगते हैं, लेकिन आइजी अरुण मोहन जोशी ने यह दूरी तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और व्यवस्था का रिव्यू करते हुए एक घंटे में पूरी की।

उन्होंने कहा कि भारी संख्या में तीर्थयात्री चारों धाम पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में सुविधाओं की कुछ कमी होने के चलते कुछ समस्या सामने आ रही है। आने वाले दिनों में कमियों को दूर कर दिया जाएगा।

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