Chardham Yatra: कुंभ के बाद अब देवभूमि में चारधाम यात्रा की चुनौती, निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट हो सकता है अनिवार्य
अब चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन की चुनौती है। इसे देखते हुए सरकार मंथन में जुट गई है। चारधाम यात्रा के लिए भी कुंभ की तरह कोरोना जांच की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य करने पर विचार चल रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 17 Apr 2021 06:05 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Chardham Yatra उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अब कुंभ के बाद अगले माह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन की चुनौती है। इसे देखते हुए सरकार मंथन में जुट गई है। चारधाम यात्रा के लिए भी कुंभ की तरह कोरोना जांच की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य करने पर विचार चल रहा है। मंडलायुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार सभी पहलुओं पर मंथन के बाद जल्द ही चारधाम यात्रा के लिए मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जाएगी।
कोरोना संकट के कारण राज्य में चारधाम यात्रा पिछले साल बुरी तरह प्रभावित रही थी। अब कोरोना के लिहाज से परिस्थितियां बीते वर्ष जैसी होने लगी हैं, जिससे चिंता और चुनौती दोनों ही बढ़ गए हैं। पिछले एक पखवाड़े भर से राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। हरिद्वार में चल रहा कुंभ भी इसी चुनौती से जूझ रहा है। इसे देखते हुए अब 14 मई से होने वाली चारधाम यात्रा ने पेशानी पर बल डाल दिए हैं।
चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा पर हर साल ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचते हैं। चारधाम यात्रा चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिलों की आर्थिकी से भी जुड़ी हुई है। पिछले साल कोरोना संकट के यात्रा नाममात्र को ही चली थी। हालांकि, बाद में स्थिति कुछ सुधरी थी तो उम्मीद जताई जा रही थी कि इस मर्तबा चारधाम यात्रा पूरे उत्साह के साथ चलेगी, मगर अब कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता बढ़ा दी है। वजह ये कि कोरोना संक्रमण के लिहाज से पर्वतीय जिलों में स्थिति फिलवक्त नियंत्रण में है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन भी मानते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में चारधाम यात्रा भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। इसे देखते हुए सभी पहलुओं पर गंभीरता से मंथन चल रहा है। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण तो अनिवार्य किया ही जाएगा। दूसरे प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आने से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया जाएगा। वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद यात्रा की इजाजत दी जा सकती है। इन सभी पहलुओं को लेकर अभी गहनता से विमर्श चल रहा है।
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