हाईप्रोफाइल लूटकांड में तीन पुलिसकर्मी और कांग्रेसी नेता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल Dehradun News
हाईप्रोफाइल लूटकांड में एसटीएफ ने लूट समेत पांच धाराओं में तीन पुलिस कर्मियों और कांग्रेसी नेता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी।
By Edited By: Updated: Wed, 19 Jun 2019 10:54 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। हाईप्रोफाइल लूटकांड में एसटीएफ ने लूट समेत पांच धाराओं में तैयार चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। सूत्रों की मानें तो लूटे गए बैग की बरामदगी नहीं हुआ। फिर भी परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज से सबूतों के आधार पर एसटीएफ यह बता पाने में काफी हद तक कामयाब रही कि लूट की वारदात हुई थी। इसकी साजिश राजपुर रोड स्थित डब्ल्यूआइसी में रची गई थी। इस लूटकांड में आइजी गढ़वाल की सरकारी स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया गया था।
उत्तराखंड समेत देशभर में चर्चा में रहे इस हाईप्रोफाइल लूटकांड को बेहद शातिराना तरीके से अंजाम दिया गया था। पैंतरे आजमाने के बाद भी पुलिसकर्मियों की काली करतूत ज्यादा दिन तक छिपी नहीं रही और जब सनसनीखेज वारदात से पर्दा हटा तो राज्य के आला अधिकारियों के होश उड़ गए। वारदात को लोकसभा चुनाव के ऐन पहले उस समय अंजाम दिया गया था, जब अगले दिन यानी पांच अप्रैल को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परेड ग्राउंड में रैली होने वाली थी। पुलिसकर्मियों को भरोसा था कि गैर राज्यों से आई भारी-भरकम फोर्स और चुनावी चेकिंग की आड़ लेकर वह वारदात को अंजाम देकर आसानी से बच निकलेंगे।
आरोपित पुलिस कर्मी यह भूल गए थे कि जिस जगह उन्होंने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार की गाड़ी रोकी, वहां एक नहीं कई सीसीटीवी कैमरे लगे थे। उनमें फुटेज आने के बाद ही पुलिसकर्मियों की पहचान हुई और सभी के खिलाफ लूट समेत पांच धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। करीब दो महीने चली विवेचना के बाद एसटीएफ ने मंगलवार को आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। यह है पूरा घटनाक्रम उत्तराखंड पुलिस के दामन को कलंकित करने वाली यह वारदात चार अप्रैल की रात को अंजाम दी गई थी।
प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार निवासी कैनाल रोड वारदात के दिन डब्ल्यूआइसी में अनुपम शर्मा से प्रॉपर्टी से संबधित रकम लेने गए थे। वहां से लौटते समय होटल मधुबन के सामने एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो के चालक ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया। उनके रुकते ही स्कॉर्पियो से दो वर्दीधारी पुलिसकर्मी उतरे। चुनाव की चेकिंग के नाम पर उन्होंने कार की तलाशी ली और उसमें रखा बैग कब्जे में ले लिया। जब अनुरोध ने इसका कारण पूछा तो वर्दीधारियों ने बताया कि स्कॉर्पियो में आइजी बैठे हैं और वे वाहनों में ले जाए जा रहे कैश की चेकिंग कर रहे हैं। कैश जब्त कर सरकारी स्कॉर्पियो में रख दिया गया। एक पुलिसकर्मी अनुरोध के साथ उनकी कार में आइजी की कार के साथ चलने लगा। सर्वे चौक के पास अनुरोध के साथ बैठे पुलिसकर्मी ने कार रोक दी और खुद उतर गया और उन्हें धमकाकर वहां से चुपचाप चले जाने को कहा।
अगले दिन अनुरोध ने दून पुलिस से संपर्क किया। नकदी जब्त करने की बात सुन पुलिस हैरान रह गई, क्योंकि किसी भी स्तर से पुलिस तक यह जानकारी नहीं पहुंची थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो आइजी गढ़वाल के नाम आवंटित है और उसमें बैठे दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी ने वारदात को अंजाम दिया है। इन धाराओं में दाखिल हुई चार्जशीट
-आइपीसी की धारा 341 (किसी को गलत तरीके से रोकना) -धारा 365 (अपहरण)
-धारा 170 (सरकारी पद का दुरुपयोग) -धारा 392 (लूट)
-धारा 120बी (साजिश रचना) घटना का सिलसिलेवार विवरण
चार अप्रैल: राजपुर रोड पर आईजी गढ़वाल की सरकारी गाड़ी में सवार तीन पुलिस कर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार का अपहरण कर रुपयों से भरा बैग लूट लिया। दस अप्रैल: पांच दिन की गोपनीय जांच में मामला सही पाए जाने के बाद कांग्रेसी नेता व तीन अज्ञात वर्दीधारियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी व 392 के तहत डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। 11 अप्रैल: हाई प्रोफाइल लूटकांड की विवेचना देहरादून पुलिस से हटाकर उत्तराखंड एसटीएफ को सौंप दी गई। 16 अप्रैल: जांच में पुलिस कर्मियों के नाम स्पष्ट होने के बाद निलंबित दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही मनोज अधिकारी व हिमांशु उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही अपहरण व सरकारी पद के दुरुपयोग समेत तीन और धाराएं जोड़ दी गई।यह भी पढ़ें: जल्द दाखिल हो सकती है एसटीएफ हाई प्रोफाइल लूटकांड में चार्जशीट Dehradun Newsयह भी पढ़ें: हाइप्रोफाइल लूटकांड में चार्जशीट को शासन की मंजूरी, जानिए पूरा मामलायह भी पढ़ें: अफसर बनाने के नाम पर दंपती ने युवक को दिया झांसा, ठगे 25 लाखलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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