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Chhath Puja 2024: देवभूमि में महिलाओं ने रखा 36 घंटे का निर्जला व्रत, संतान की दीर्घायु को दिया जाएगा अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य

Chhath Puja 2024 छठ पूजा 2024 में व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा और संतान की दीर्घायु के लिए अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। देहरादून के विभिन्न छठ घाटों को सजाया गया है और बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ी है। संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव व छठी मैया की आराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार से शुरू हो चुका है।

By Sumit kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 07 Nov 2024 02:12 PM (IST)
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Chhath Puja 2024: सूर्यास्त के समय रसियाव खाकर व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। फाइल
जागरण संवाददाता, देहरादून। Chhath Puja 2024: संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना के महापर्व छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना कर छठी मैया की आराधना की। सूर्यास्त के समय रसियाव खाकर व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू कर लिया है।

आज गुरुवार शाम को तकरीबन साढ़े पांच बजे छठ घाटों से अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के सुखी जीवन की कामना की जाएगी। छठ पूजा के लिए विभिन्न घाट लाइटों से जगमग हो चुके हैं। वहीं बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही।

चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार से शुरू हो चुका

संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव व छठी मैया की आराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार से शुरू हो चुका है। देहरादून में कुल 22 छठ घाट हैं, जिनमें टपकेश्वर, चंद्रबनी, रायपुर, केशरवाला, गुल्लरघाटी, सेलाकुई, हरवंशवाला, रायपुर, मालदेवता, पुलिया नंबर-छह, प्रेमनगर, पथरीबाग, ब्रह्मपुरी छठ पार्क मुख्य हैं।

पर्व के दूसरे दिन बुधवार को सुबह से ही खरना के लिए लोगों ने तैयारी शुरू कर दी थी। सूर्यास्त के बाद गाय के दूध में गुड़ डालकर साठी के चावल की मिट्टी अथवा पीतल के बर्तन में खीर बनाई गई। भोग के लिए मिट्टी व तांबे के बर्तन में ही रोटी बनाई गई। इसके बाद छठी मैया का आह्वान कर भोग लगाया गया। प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया गया।

दोपहर तक बाजार में उमड़ी खरीदारों की भीड़

छठ पूजा की सामग्री खरीदने को दिनभर बाजार में भीड़ उमड़ी रही। सहारनपुर चौक, हनुमान चौक में महिलाओं ने बांस का सूप, डाला, दउरा, गन्ना, सिंघाड़ा, नारियल, हल्दी, गन्ना, पान, हरी अदरक के पत्ते आदि की खरीदारी की। इसके अलावा प्रसाद के लिए दाल, लौकी, कद्दू की भी खूब खरीदारी हुई।

दोपहर में लगा जाम, लोग रहे परेशान

दोपहर के वक्त सहारनपुर चौक से लेकर झंडा बाजार, हनुमान चौक, सब्जी मंडी तक खरीदारों की काफी भीड़ रही। कईयों ने सड़क पर ही हाड़े तिरछे वाहन खड़ा कर दिए। जिससे काफी देर तक जाम की स्थिति बनी रही। आने जाने वालों को काफी परेशानी हुई। दोपहर को स्कूल की छुट्टी के लिए अभिभावक और बच्चों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि जगह जगह खड़ी पुलिस ने पुलिस ने किसी तरह से जाम खुलवाया।

लिपाई के साथ तैयार हुए छठ घाट

पूर्वा सांस्कृतिक मंच के 18 विभिन्न घाट लिपाई कर तैयार किए हैं। मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा ने बताया कि सभी घाटों पर कार्यकर्ताओं को व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी है। जिससे किसी को परेशानी ना हो। हर घाट पर मंच की वूमेन टीम भी तैनात रहेगी।

मंच ने किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निबटने एवं किसी प्रकार की त्वरित सहायता के लिए पांच सदस्यीय कंट्रोल रूम बनाया है। व्रती महिलाओं को किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं एवं अन्य किसी को पटाखे अथवा दूसरे वजहों से अचानक स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए अपने सभी घाटों पर दो- दो चिकित्सकों को तैनात किया गया है।

डूबते सूर्य को आज दिया जाएगा अर्घ्य

छठ पर्व के तीसरे दिन आज छठ पूजा होगी। इस दिन शाम साढ़े पांच बजे सूर्यास्त का समय है। जबकि शुक्रवार को सूर्योदय का समय छह बजकर 22 बजे रहेगा। आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक कई जगह घाटों में जल्दी सूर्यास्त, सूर्योदय होता है अथवा मौसम खराब रहने की स्थिति से पता नहीं चल पाता। ऐसे में लोग संशय में ना रहे मन में सूर्यदेव की आराधना कर समयानुसार अर्घ्य दे सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि व्रत को सच्चे मन से करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही परिवार के सदस्यों को छठी मैया और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

टीमों को सौंपी जिम्मेदारी

पूर्वा सांस्कृतिक मंच की कार्यकारी अध्यक्ष लालिमा वर्मा ने वर्चुअल बैठक में छठ तैयारी की समीक्षा की। मंच वूमेन, मंच आपरेशनल, मंच इंफार्मेशनल, मंच मेडिकल, मंच हेल्प, मंच सिक्योरिटी टीमों को जबाबदेही तय की। मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा ने बताया कि आज पर्व के तीसरे दिन षष्ठी पर देहरादून के सभी घाटों, अपने छत व घर पर स्वनिर्मित घाटों पर करीब डेढ़ से दो लाख व्रती महिलाएं संध्या अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देंगी।

शारदा सिन्हा के निधन पर मंच के घाटों में नहीं बजेगा डीजे

पूरब-बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने शोक जताया। मंच के संस्थापक सचिव सुभाष झा ने बताया कि मधुर कंठ की अंतरराष्ट्रीय छठ गीतों के लिए पहचानी जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन से दून में रह रहे पूरब बिहार के लोग शोकग्रस्त है। ऐसे में उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप मंच के घाटों पर कोई डीजे नहीं बजेगा।

घाटों पर व्यवस्था बनाने को टीम तैयार

बिहारी महासभा के सचिव चंदन कुमार झा ने बताया कि छठ पर्व को लेकर पूरी तैयारी की गई है। कहीं भी किसी को परेशानी ना हो इसके लिए विभिन्न टीम बनाई गई है। घाटों पर भी व्यवस्था बनाने के लिए भी टीम तैनात रहेगी। सभी कार्यकर्ता घाटों पर साज सज्जा एवं सफाई लाइट की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया गया है।

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