मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के डीएम को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हो।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 20 Jul 2021 09:16 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण पर सरकार ने खास फोकस किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के डीएम को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से क्षति और आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में तत्काल बचाव एवं राहत कार्य शुरू हों और रिस्पांस टाइम को कम से कम किया जाए। इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन, प्रशासन को उसकी चिंता है।
मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में अफसरों को जवाबदेही का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा कि समस्याओं के निदान के लिए आमजन को शासन के चक्कर न काटने पड़े, यह सुनिश्चित होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि तहसील और जिला स्तर की समस्याओं का इन्हीं स्तरों पर ही निदान हो जाए। जीरो पेंडेंसी कार्यप्रणाली का मूलमंत्र होना चाहिए। फाइलों के निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार के साथ ही यह सुनिश्चित हो कि जनहित के कार्यों में कोई शिथिलता न आए।
उन्होंने आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के मध्य बेहतर तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि इसमें कहीं कोई संवादहीनता की स्थिति न रहने पाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में माक ड्रिल का बड़ा महत्व है। लिहाजा, समय-समय पर माक ड्रिल की जाएं। उन्होंने आपदा प्रभावितों के लिए सहायता राशि के साथ ही भोजन, आवास, पेयजल व दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरों का उपयोग किया जाए, ताकि प्रभावितों तक जल्द मदद पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी व आपदा से संबंधित अन्य कार्यों में भी हो सकता है। उन्होंने प्रभावित गांवों के पुनर्वास के मद्देनजर आवश्यक संख्या में भू-वैज्ञानिकों की नियुक्ति करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में जिन स्थानों पर आपदा आई, वहां किए गए राहत काार्यों की मानीटरिंग आवश्यक है। जिन परिवारों का पुनर्वास होना है, उसकी प्रक्रिया में विलंब न हो। इस क्रम में उन्होंने रैणी के आपदा प्रभावित परिवारों के विस्थापन का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के डीएम को आराकोट के निवासियों की दिक्कतों का निदान करने व पिथौरागढ़ के डीएम को हाल में स्वीकृत राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए।
मौसम की सटीक जानकारी के मद्देनजर उन्होंने प्रदेश में स्वीकृत डाप्लर राडार की स्थापना से संबंधित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टिहरी के डीएम से देवप्रयाग क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता के बारे में भी जानकारी ली। बैठक में मुख्य सचिव डा एसएस संधू समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।यह भी पढ़ें:-तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बाल रोग विशेषज्ञों की कमी दूर करने की तैयारी
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