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उत्तराखंड: वात्सल्य योजना में बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जाएगी मुफ्त, शासन ने जारी किए आदेश

मार्च 2020 के बाद कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता-पिता को खो चुके निराश्रित बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इन बच्चों को सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में दाखिला मिलेगा। शुक्रवार को इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 09:25 PM (IST)
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उत्तराखंड: वात्सल्य योजना में बच्चों को स्कूली शिक्षा दी जाएगी मुफ्त।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में मार्च, 2020 के बाद कोरोना महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता-पिता को खो चुके निराश्रित बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इन बच्चों को सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में दाखिला मिलेगा। शुक्रवार को इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अंतर्गत मार्च 2020 से 31 मार्च, 2022 तक कोरोना और अन्य बीमारियों से मां-बाप की मृत्यु के बाद निराश्रित हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय सरकार ने किया है। सरकार के निर्देश के बाद सभी संबंधित विभागों को 21 वर्ष की आयु तक बच्चों की मदद के लिए कदम उठाने हैं। बीते रोज महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विभिन्न विभागों के स्तर से इस संबंध में पहल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद विभागों ने सुस्ती छोड़नी शुरू कर दी है।

आवासीय स्कूलों में भी दाखिला

विद्यालयी शिक्षा विभाग इन निराश्रित बच्चों को सरकारी और अनुदानप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में 12वीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा देगा। इसके अतिरिक्त सरकारी आवासीय विद्यालयों में भी मुफ्त शिक्षा के लिए इन बच्चों को दाखिला दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा संयुक्त सचिव जेएल शर्मा ने इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक और माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी किया।

नजदीकी डिग्री कालेजों में मिलेगा दाखिला

उच्च शिक्षा विभाग भी इस संबंध में आदेश जारी कर चुका है। 21 वर्ष आयु तक इन निराश्रित बच्चों को उच्च शिक्षा भी मुफ्त मिलेगी। उच्च शिक्षा प्रभारी सचिव दीपेंद्र कुमार ने नौ ङ्क्षबदुओं पर आदेश जारी किए हैं। प्रभावित बच्चों को घर के समीप ही सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में दाखिला देने के साथ ही सभी तरह के शुल्क से मुक्त रखा गया है। उनसे मात्र कोषागार प्रवेश शुल्क के रूप में तीन से पांच रुपये लिए जाएंगे।

एक सत्र में देंगे एक सेट यूनिफार्म

कालेजों में दाखिला लेने वाले ऐसे किशोरों को प्रति सत्र एक सेट कालेज यूनिफार्म दी जाएगी। इसके लिए महाविद्यालय छात्र निधि से ही ऋण लेकर अथवा अन्य क्षेत्रों से सहायता लेकर ऐसे प्रत्येक छात्र को यूनिफार्म उपलब्ध कराई जाएगी। उन्हें प्रत्येक विषय में कालेज लाइब्रेरी से दो पुस्तकें प्रत्येक सत्र में जारी की जाएंगी। इन पुस्तकों को परीक्षा शुरू होने से पहले कालेज में जमा कराना होगा। ऐसे विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था छात्रावास में की जाएगी। इसके लिए उनसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

10 हजार कीमत का टैबलेट देंगे

प्रत्येक निराश्रित छात्र या छात्रा को 10 हजार रुपये कीमत का एक टैबलेट दिया जाएगा। इसके लिए बजट की व्यवस्था की जाएगी। पूरे शिक्षण काल में एक बार ही टैबलेट दिया जाएगा। कक्षाओं में पढ़ाई के लिए कालेज तक आने-जाने के लिए परिवहन किराए में पूरी छूट मिलेगी। इस संबंध में परिवहन विभाग से संपर्क कर पास की व्यवस्था की जाएगी।

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दाखिले को मिलेंगे वेटेज अंक

इन छात्र-छात्राओं स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं में दाखिले के लिए वेटेज अंक भी दिए जाएंगे। इसकी व्यवस्था उसीतरह होगी, जैसे एनसीसी, एनएसएस के लिए वेटेज अंक रखे गए हैं। इस संबंध में परिवहन विभाग को निर्देश दिए जाएंगे। ऐसे सभी विद्यार्थियों को विशेष सहायता अनुदान राशि प्रति वर्ष आवेदन के आधार पर दी जाएगी। इसके लिए विभागीय बजट में प्रविधान किया जाएगा।

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