राज्यसभा सीट के लिए भाजपा में दावेदारों की कतार
उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट के लिए भाजपा में आधा दर्जन नाम दावेदारों की दौड़ में बताए जा रहे हैं। हालांकि प्रत्याशी को लेकर फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट के लिए भाजपा में इस बार टिकट के दावेदारों की लंबी कतार नजर आ रही है। विधानसभा में भारी-भरकम बहुमत के कारण राज्यसभा चुनाव में भाजपा लगभग वाकओवर सरीखी स्थिति में है, लिहाजा कई वरिष्ठ नेता अपनी दावेदारी को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं। हालांकि पार्टी संगठन का कहना है कि उत्तराखंड से कौन राज्यसभा जाएगा, इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा।
उत्तराखंड में राज्यसभा की कुल तीन सीट हैं। वर्तमान में इन तीनों सीटों पर कांग्रेस काबिज है। महेंद्र सिंह माहरा व प्रदीप टम्टा के अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर उत्तराखंड से राज्यसभा में हैं। इनमें से माहरा वाली सीट आगामी अप्रैल के पहले हफ्ते में रिक्त होने जा रही है।
राज्यसभा सीट के चुनाव में विधायक मतदाता होते हैं। लिहाजा जो भी पार्टी सत्ता में होती है, उसकी जीत सुनिश्चित रहती है। राज्य गठन के बाद से अब तक हुए चुनावों में यही होता आया है। मौजूदा विधानसभा में भाजपा के पास तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत है। 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 57 विधायक हैं।
साफ है कि विधायकों के संख्याबल के कारण इस बार राज्यसभा सीट भाजपा के पास जाना तय है। यही वजह है कि इस एक सीट के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के नाम पर सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक हालांकि अभी पार्टी में औपचारिक रूप से राज्यसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर कोई बात नहीं हुई है लेकिन कम से कम आधा दर्जन नाम जरूर दौड़ में बताए जा रहे हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी के नाम मुख्य हैं।
इनके अलावा वरिष्ठ पार्टी नेता व उद्योगपति अनिल गोयल, सुशीला बलूनी और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत को भी दावेदारों में शुमार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि विजय बहुगुणा ने पिछला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था, हालांकि भाजपा ने उनके पुत्र को टिकट दिया। इस लिहाज से समझा जा रहा है कि बहुगुणा राज्यसभा सीट के दावेदार हो सकते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने नेतृत्व में भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की लेकिन भट्ट स्वयं चुनाव हार गए। अनिल बलूनी को संगठन में उनकी मजबूत पैठ के कारण सशक्त दावेदारों में गिना जा रहा है। अनिल गोयल को भाजपा तब राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतार चुकी है, जब कांग्रेस सत्ता में थी।
केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला: भट्ट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि राज्यसभा सीट के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर कोई भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल अब तक इस संबंध में पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई है।
सत्र के दौरान चुनाव संभव: पंत
संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान अगर राज्यसभा सीट का चुनाव होता है तो भी इससे कोई दिक्कत नहीं। गौरतलब है कि गैरसैंण में 20 मार्च से विधानसभा सत्र आयोजित हो रहा है। राज्यसभा सीट अप्रैल के पहले हफ्ते में रिक्त हो रही है और इससे पहले चुनाव होना है।
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