ऋषिकेश में शास्त्रीय भजन गायक सूर्यगायत्री ने की मां गंगा की पूजा
परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर में 13 वर्ष की सूर्यगायत्री ने सपरिवार सहभाग कर अपने भक्ति संगीत से सराबोर किया। सूर्य गायत्री ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर अपने संगीत के द्वारा मानों कब्जा कर लिया हो।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर में केरल के एक छोटे से गांव से आयी भारत की बेटी 13 वर्ष की सूर्यगायत्री ने सपरिवार सहभाग कर अपने भक्ति संगीत से सराबोर किया। छोटी सी उम्र में ही सूर्य गायत्री ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर अपने संगीत के द्वारा मानों कब्जा कर लिया हो। सोशल मीडिया साइट पर उनके कई वीडियो उपलब्ध हैं। सूर्य गायत्री की आवाज का माधुर्य ‘परमपराम’- आध्यात्मिक संगीत श्रृंखला के माध्यम से आनंद लिया जा सकता है, जिसे इस्स कर्नाटक संगीतज्ञ द्वारा निर्मित किया गया है।
सूर्यगायत्री अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन आयी और उन्होंने मां गंगा के तट और परमार्थ परिसर में अपने आगामी आध्यात्मिक संगीत श्रृंखला वीडियों के कुछ हिस्से की रिकार्डिंग भी की। ‘वंदे गुरु परम्पराम’ सूर्यगायत्री की आध्यात्मिक संगीत श्रृंखला, में विशेष प्रस्तुति है जो संगीतज्ञ कुलदीप एम पई द्वारा निर्मित है।
इस मौके पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्ष 2021 में हम सभी को एक साथ आकर, एकजुट होकर हर समस्या का समाधान करने के लिये संकल्प लेना होगा, क्योंकि एकजुट होकर किया गया हर कार्य बहुत मायने रखता हैं और सकारात्मक परिवर्तन भी कर सकता है। कोविड -19 ने बता दिया कि एकजुटता और सामूहिकता ही स्थायी शक्ति का स्रोत हैं और प्रत्येक चुनौतियों का सामना करने की मार्ग भी वहीं हैं।
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