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Cloudburst in Uttarakhand : भारी बारिश से उफनाई नदियां, 50 साल के लिए डिजाइन पुल 23 साल में ही दे गया जवाब

Cloudburst in Uttarakhand देहरादून के सौड़ा सरोली पुल की एप्रोच रोड उफनाई नदी की भेंट चढ़ गई। जांच का विषय यह है कि जिन पुलों को कम से कम 50 साल के लिए डिजाइन किया गया है उसकी एप्रोच रोड महज 23 साल में कैसे जवाब दे गई।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 09:26 AM (IST)
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Cloudburst in Uttarakhand : पुलों की एप्रोच रोड उफनाई नदियों की भेंट चढ़ गई। आइटीडीए

टीम जागरण, देहरादून : Cloudburst in Uttarakhand : शुक्रवार और शनिवार को भारी वर्षा के कारण देहरादून के सौड़ा सरोली और मालदेवता बाजार के पास के पुलों की एप्रोच रोड उफनाई नदियों की भेंट चढ़ गई। इससे बीती मध्य रात्रि के बाद से इन मार्गों का संपर्क पूरी तरह ठप हो गया है।

24 सड़कें कटाव व भूस्खलन के चलते बंद

वहीं, जिले के विभिन्न स्थानों पर 24 सड़कें कटाव व भूस्खलन के चलते बंद हो गई हैं। लोनिवि व पीएमजीसवाई की मशीनरी सड़कों को बहाल करने में जुट गई है। हालांकि, देर रात तक इक्का-दुक्का क्षेत्रों को छोड़कर कहीं भी यातायात सुचारू नहीं किया जा सका था।

थानों रोड पर सौड़ा सरोली स्थित पुल की थानों की तरफ की एप्रोच रोड पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। इससे रायपुर य भानियावाला, रानीपोखरी के करीब दो दर्जन क्षेत्रों का संपर्क काट गया है। इसी तरह मालदेवता बाजार के पास स्थित पुल के सरखेत की तरफ वाली एप्रोच रोड बह गई। इसके 15 से अधिक क्षेत्रों का संपर्क काट गया।

दूसरी तरफ लोनिवि व पीमजीएसवाई के अधीन आने वाली 24 सड़कें भारी वर्षा से भू-कटाव व मलबा आने से बंद चल रही हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद के मुताबिक पुलों की एप्रोच रोड को शीघ्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही बाधित सड़कों को खोलने का काम तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिया गया है।

भारी वर्षा से इन सड़कों का संपर्क कटा

अस्थायी खंड ऋषिकेश:

  • ऋषिकेश-भानियावाला मार्ग में रानीपोखरी के पास अस्थायी डायवर्जन बह गया
  • थानों रोड पर पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त होने से यातायात बाधित
  • बसंतपुर मादसी-इठारना मोटर मार्ग मलबा आने से बंद
  • मालदेवता-द्वारा मोटरमार्ग के पुल की एप्रोच क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित
  • थानो भोगपुर मोटरमार्ग के किलोमीटर तीन के काजवे को बिंदालना नदी के उफान के चलते बंद किया गया
  • इठारना से देवली के बीच मार्ग बाधित
  • धारकोट-तंगोली मोटर मार्ग मलबा आने से बंद
  • जाखन नदी से सूर्यधार सनगांव नाहीं कला सतेली मोटरमार्ग मलबा आने से बाधित
  • सिंधवाल गांव को थानों से जोड़ने वाला मार्ग बंद

लोनिवि प्रांतीय खंड :

  • मौलधार सेरकी सिल्ला मार्ग मलबा आने से बंद
  • पीपीसीएल मोटर मार्ग पर मलबा आने से यातायात बाधित
  • जंतनवाला धौलास मोटर मार्ग मलबा आने से बंद

लोनिवि निर्माण खंड:

  • लांघा बिन्हार मोटर मार्ग पर यातायात मलबा आने से बाधित
  • यमुनापुल हाथी पांव मोटरमार्ग तीन स्थलों पर बाधित

लोनिवि अस्थायी खंड सहिया :

  • निछिया बैंड से पिहानी के बीच सड़क बाधित
  • सहिया से क्वानू के बीच मार्ग बाधित
  • रखताड़ मैसासा मार्ग मलबा आने से बंद
  • जनदेऊ गांगरो बाडो मोटर मार्ग बंद
  • बिजउ क्वेथा खतार मोटर मार्ग दो स्थलों पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त

लोनिवि अस्थायी खंड चकराता:

  • क्वासी जोगियों मोटर मार्ग बंद

पीमजीएसवाई खंड चकराता :

  • गडोल सकरौल मोटर मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त

पीमजीएसवाई खंड देहरादून:

  • सौढ़ा सरोली से अखंडवाली भिलंग मोटर मार्ग तीन स्थानों पर बाधित
  • धारकोट तलाई मार्ग दो स्थानों पर बंद
  • फुलेत से क्यारा के बीच मार्ग छह स्थानों पर बाधित
  • किमाड़ी रीखोली मार्ग पांच थानों पर बाधित

50 से अधिक साल के लिए डिजाइन पुल दे गया जवाब

  • थानों रोड (Raipur Thano Bridge) पर पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त होने के पीछे की वजह प्राकृतिक आपदा को बताया जा रहा है। काफी हद तक यह बात ठीक भी है। लेकिन, फिर जांच का विषय यह है कि जिन पुलों को कम से कम 50 साल के लिए डिजाइन किया गया है, उसकी एप्रोच रोड महज 23 साल में कैसे जवाब दे गई।
  • थानों रोड का यह पुल (Raipur Thano Bridge) वर्ष 1999 में बनाया गया था। पुल निर्माण से पहले संबंधित नदी में बाढ़ के करीब 100 साल के आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। फिर पुल को अधिकतम बहाव को सहने के हिसाब से डिजाइन किया जाता है।
  • अब यह जांच का विषय है कि क्या बीती रात नदी का उफान अब तक सर्वाधिक रहा या पुल की एप्रोच रोड रखरखाव के अभाव में समय के साथ कमजोर पड़ती चली गई।
  • वहीं, मालदेवता क्षेत्र का पुल भी अस्सी व नब्बे के दशक के बीच का है। यहां भी एप्रोच रोड के क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आया है।
  • कहीं न कहीं यह भी माना जा रहा है कि लोनिवि की मशीनरी बजट के अभाव में पुराने पुलों की मरम्मत की तरफ ध्यान नहीं दे पा रही। इसके अलावा नदी क्षेत्रों में अवैध खनन के चलते भी नदियों का बहाव क्षेत्र परिवर्तित हो रहा है और बहाव भी अनियंत्रित रूप में हो रहा है।
  • इस मामले में लोनिवि के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद का कहना है कि फिलहाल विभाग के ध्यान यातायात को बहाल करने की दिशा में है। प्रयास किए जा रहे हैं कि दोनों पुलों पर आवाजाही सात से दस दिन के भीतर बहाल कर दी जाए।

रानीपोखरी पुल की जांच अधर में

बीते साल 28 अगस्त को भारी वर्षा के बीच रानीपोखरी पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। तब यह बात सामने आ रही थी कि अवैध खनन के चलते पुल के पिलर को नुकसान पहुंचा है। लोनिवि सचिव आरके सुधांशु ने इस पर जांच भी बैठाई थी। हालांकि, जांच रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई का कहीं अता-पता नहीं है।

मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में एक दफा जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी, लेकिन सचिव ने इसे अपूर्ण बताते हुए लौटा दिया था। तब से जांच ठंडे बस्ते में चल रही है। कहीं न कहीं जांच की धीमी रफ्तार भी मशीनरी को चुस्त बनाने में बाधक बनती है।