कैबिनेट मंत्री के पैरामेडिकल कॉलेज को अनुमति देने से इनकार, जानिए वजह
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड को आयुष पैरामेडिकल कॉलेज के संचालन को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
By Edited By: Updated: Sat, 13 Jul 2019 02:51 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। आखिरकार राज्य सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड को आयुष पैरामेडिकल कॉलेज के संचालन को अनुमति देने से इनकार कर दिया। विभागीय मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के इस पैरामेडिकल कॉलेज के पैरवी में उतरने के बावजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले में कदम पीछे खींचना ही मुनासिब समझा। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद आयुष और आयुष शिक्षा सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने शुक्रवार को कॉलेज के संचालन को प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी नहीं देने के आदेश परिषद के रजिस्ट्रार को जारी किए।
सरकारी और निजी आयुष शिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करने वाली नियामक संस्था भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड ने सरकार से अनुमति लिए बगैर अपने स्तर से ही आयुष पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना कर दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कॉलेज का नामकरण भी कर दिया गया। बाद में यह मामला जानकारी में आने पर शासन सकते में आ गया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में उक्त कॉलेज के संचालन को अवैध करार दिया गया। हालांकि आयुष और आयुष शिक्षा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत उक्त कॉलेज की स्थापना के समर्थन में उतर गए थे।
इसके बाद परिषद की ओर से पंचकर्म सहायक या टेक्नीशियन, पंचकर्म अटेंडेंट, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के साथ ही यौगिक साइंस में प्रमाणपत्र आदि पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए देहरादून में कॉलेज सह अस्पताल संचालित किए जाने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मांगते हुए पत्रावली उच्चानुमोदन के लिए भेजी गई थी। सूत्रों के मुताबिक पहले मुख्यमंत्री ने कॉलेज के संचालन को हरी झंडी दिखा दी थी, लेकिन बाद में नियामक संस्था के इस कदम को सरकार ने सही नहीं माना। यह मामला दोबारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया। मुख्यमंत्री ने उक्त कॉलेज को अनुमति देने से इनकार कर दिया।
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