प्रवासियों की वापसी आज से, अभी तक 87 हजार लोगों ने कराया पंजीकरण
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दूसरे राज्यों में कैंपों में रह रहे प्रवासियों की वापसी को छूट देने के बाद प्रदेश सरकार भी सक्रिय हो गई है। 87 हजार लोगों ने घर वापसी को पंजीकरण कराया
By Edited By: Updated: Sat, 02 May 2020 08:38 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दूसरे राज्यों में कैंपों में रह रहे प्रवासियों की वापसी को छूट देने के बाद प्रदेश सरकार भी सक्रिय हो गई है। 24 घंटे अंतराल में दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के 87 हजार लोगों ने घर वापसी को पंजीकरण कराया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रवासियों को चरणबद्ध ढंग से वापस लाया जाएगा। इसके लिए शनिवार से बसें भेजने का सिलसिला शुरू किया जा रहा है। साथ ही रेल मंत्रालय से दिल्ली समेत अन्य प्रमुख शहरों से राज्य के लिए 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों से भी अपील की कि वे सतर्कता, अपनत्व व आत्मीयता के साथ गांव लौट रहे प्रवासियों के ठहरने की व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री सोशल मीडिया के जरिये संदेश में कहा कि प्रवासियों की वापसी पर सरकार के साथ ही ग्राम प्रधानों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। जो लोग बाहर से गांव आ रहे हैं, उन्हें ये न समझें कि सभी संक्रमित हैं। हो सकता है कि कोई हो, लेकिन सबके लिए ऐसा न सोचें। उन्होंने प्रधानों से अपील की कि जो लोग आ रहे हैं, उन्हें होम क्वारंटाइन में सहयोग करें। राज्य के ग्रीन जोन वाले जिलों से जो लोग ग्रीन जोन में जा रहे हैं, उन्हें क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं है। साथ ही प्रधानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, एनजीओ से यह भी कहा कि यदि कहीं लगता कि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग व कंट्रोल रूम को दें। साथ ही ऐहतियात भी बरतें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रवासियों की एक साथ वापसी संभव नहीं है। दिल्ली में ही 26 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है। चरणबद्ध ढंग लोगों को वापस लाया जाएगा, क्योंकि सरकार को कई व्यवस्थाएं भी करनी हैं। शनिवार से बसें भेजने का काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रवासी संक्रमित पाया जाता है तो उसे हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी व ऊधमसिंहनगर में ही रोक लिया जाएगा।
इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को वापसी के मद्देनजर रेल मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, जयपुर, मुबई, भोपाल, बंगलुरू, अहमदाबाद से देहरादून, हल्द्वानी के लिए 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का आग्रह किया। इस पर रेल मंत्री ने अवगत कराया कि लंबी दूरी की ट्रेनों को अनुमति दी जाएगी, जबकि कम दूरी की ट्रेनों के संचालन को गृह मंत्रालय से अनुमति की जरूरत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली, चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के लोग हैं, जो वापस आना चाहते हैं। इसलिए इन स्टेशनों से भी ट्रेन चल सकें, इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाकर व्यवस्थाएं की जाएं। केंद्र की गाइडलाइन के तहत पूरी सावधानी के साथ शारीरिक दूरी, मास्क, सेनिटाइजेशन जैसे मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत समुचित स्क्रीनिंग की जाए। प्रवासियों के आने पर यदि किसी को होम क्वारंटाइन किया जाता है तो इसका सख्ती से पालन किया जाए। इसके लिए प्रधानों को कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, नितेश झा, राधिका झा मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: Lockdown 3: उत्तराखंड में चार मई से आगे के लिए कल जारी होगी एसओपी, जानिए कहां क्या रियायत होगीसांसद बलूनी ने की रेल मंत्री से बात उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी केंद्र सरकार द्वारा देशभर में एक से दूसरे स्थान के लिए नॉन स्टॉप ट्रेन संचालन पर विचार करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार जताया। बलूनी के अनुसार उन्होंने शुक्रवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुंबई, पुणे, इंदौर, बंगलुरू, जयपुर, गुजरात समेत देश के अन्य शहरों में फंसे उत्तराखंडियों की सकुशल वापसी को विशेष रेल चलाने का आग्रह किया। रेल मंत्री ने भरोसा दिलाया कि प्राथमिकता के आधार पर वह उत्तराखंड की चिंता करेंगे।
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