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CM Dhami ने की नितिन गडकरी से मुलाकात, मसूरी और देहरादून को मिली सड़कों की सौगात; जाम से मिलेगी निजात

CM Pushkar Singh Dhami पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखते हुए धामी सरकार अब राज्य में सड़कों के विस्तार के प्रयासों में जुट गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा देहरादून-मसूरी के लिए 40 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना के साथ ही नैनीताल जिले में प्रसिद्ध कैंचीधाम के लिए बाइपास निर्माण के प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Published: Fri, 28 Jun 2024 08:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2024 08:01 AM (IST)
CM Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री धामी की केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। CM Pushkar Singh Dhami: पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखते हुए धामी सरकार अब राज्य में सड़कों के विस्तार के प्रयासों में जुट गई है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर विभिन्न सड़कों के प्रस्ताव उनके समक्ष रखे।

इस अवसर पर देहरादून-मसूरी के लिए 40 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना के साथ ही नैनीताल जिले में प्रसिद्ध कैंचीधाम के लिए बाइपास निर्माण के प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई।

मंत्रालय का दायित्व फिर से मिलने पर शुभकामनाएं दीं

मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली प्रवास के दौरान गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गडकरी से भेंट कर उन्हें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का दायित्व फिर से मिलने पर शुभकामनाएं दीं। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में यातायात के बढ़ते दबाव की समस्या की तरफ गडकरी का ध्यान आकृष्ट कराया।

इसी क्रम में उन्होंने देहरादून-मसूरी के बीच 40 किमी लंबे मार्ग की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के निर्माण से देहरादून-मसूरी के लिए अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सड़क देहरादून के झाझरा गोल चक्कर से प्रारंभ होकर मसूरी में लाइब्रेरी चौक के पास समाप्त होगी। इससे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल, पंजाब से मसूरी जाने वाले लोग देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना सीधे मसूरी जा सकेंगे। 3425 करोड़ रुपये की लागत वाली इस सड़क परियोजना पर केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने नैनीताल जिले में कैंचीधाम बाइपास की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कैंचीधाम ज्योलीकोट-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के किमी 24 पर स्थित है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से जाम की स्थिति बनी रहती है।

वर्तमान में इस राजमार्ग पर ज्योलीकोट से खैरना तक डबल लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है। इसके समरेखण की स्वीकृत का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। इस बाइपास की लंबाई 1.900 किमी है। इसके प्रारंभ बिंदु के 275 मीटर के बाद 325 मीटर की सुरंग भी प्रस्तावित है। इस सब पर भी केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी।

देहरादून में मोहकमपुर से अजबपुर तक बनेगी एलिवेटेड रोड

यातायात के दबाव को कम करने के लिए देहरादून शहर में मोहकमपुर आरओबी से लेकर अजबपुर आरओबी तक के मार्ग को एलिवेटेड रोड में परिवर्तित किया जाएगा। लगभग 452 करोड़ रुपये की लागत वाली इस रोड के प्रस्ताव को चालू वित्तीय वर्ष की योजना में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात में यह विषय प्रमुखता से रखा।

मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि देहरादून में 51.59 किलोमीटर लंबी रिंग रोड प्रस्तावित है। वर्तमान में आशारोड़ी से झाझरा तक 12 किमी की लंबाई में इसका कार्य चल रहा है, जबकि शेष कार्य के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। उन्होंने इस शेष कार्य की स्वीकृति देने के साथ ही 1432 करोड़ रुपये की लागत वाले 17.88 किलोमीटर लंबे ऋषिकेश बाइपास के निर्माण का भी आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि कुमाऊं क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अफजलगढ़-भागूवाला बाइपास का निर्माण कराया जा रहा है। इसके समरेखण की कार्यवाही अंतिम चरण में है। इस बाइपास का प्रस्ताव प्राधिकरण मुख्यालय से भी स्वीकृत है।

मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि इस बाइपास समेत केंद्र सरकार में विचाराधीन सड़क परियोजनाओं पर अविलंब वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति दी जाए। इस पर भी केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की।

राष्ट्रीय राजमार्ग में उच्चीकृत होंगे आठ मार्ग मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को अवगत कराया कि वर्ष 2016 में छह मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पांडुवाखाल- नागचूलाखाल-बैजरो, बिहारीगढ़-रोशनाबादऔर लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत करने की केंद्र ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी।

मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि इन मार्गों की अधिसूचना जारी की जाए। उन्होंने गढ़वाल कुमाऊं को जोडऩे वाले 256.90 किलोमीटर लंबे खैरना-रानीखेत-भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-मेहलचौंरी-नागचूलाखाल-बूंगीधार-बैजरो मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में अधिसूचित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग व थलीसैण विधानसभा क्षेत्रों को जोडऩे वाले इस मार्ग के उच्चीकरण से दोनों मंडलों में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा।

मुख्यमंत्री ने 189 किमी लंबे काठगोदाम-भीमताल- धानाचूली-मोरनौला-खेतीखान-लोहाघाट- पंचेश्वर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में अधिसूचित करने का आग्रह किया। कुमाऊं क्षेत्र में रिंग रोड व बाइपास के प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर में रिंग रोड, हल्द्वानी बाइपास, पंतनगर एयरपोर्ट के लिए बाइपास के अलावा चंपावत, लोहाघाट व पिथौरागढ़ में भी बाइपास निर्माण के प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 13 में से 10 जिले विशुद्ध रूप से पर्वतीय हैं। वहां यातायात का मुख्य साधन सड़क ही है। इन मार्गों को आल वेदर रोड के रूप में निर्मित किया जाना आवश्यक है। यह सड़कें सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने राज्य में सड़कों के विकास में सहयोग के लिए केंद्र के प्रति आभार भी जताया।


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