Uttarakhand News: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा- उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर बनेगी किसाऊ परियोजना
बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में किसाऊ परियोजना को लेकर हुई बैठक में धामी ने राज्य का पक्ष रखा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसाऊ परियोजना उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर बनेगी।
By Vikas dhuliaEdited By: Sunil NegiUpdated: Wed, 21 Sep 2022 08:22 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि किसाऊ बांध बहुद्देश्यीय परियोजना (Kisau Project) की बढ़ने वाली लागत अन्य चार राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को वहन करनी चाहिए। जल घटक के स्थान पर विद्युत घटक पर बढ़ती लागत का बोझ नहीं पड़ने से राज्यवासियों को सस्ती दर पर बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) की अध्यक्षता में किसाऊ परियोजना को लेकर हुई बैठक में धामी ने राज्य का पक्ष रखा। बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।केंद्रीय जल आयोग ने मार्च, 2018 के मूल्य स्तर पर परियोजना की लागत 11550 करोड़ आंकी है। इसमें जल घटक की लागत 10013.96 करोड़ और विद्युत घटक की लागत 1536.04 करोड़ है। वर्तमान में संशोधित डीपीआर तैयार की जा रही है। इसमें परियोजना की लागत बढऩे का अनुमान है।
पलायन की समस्या पर लगेगा अंकुश
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्ष 2008 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया। परियोजना विकास अवधि में स्थानीय निवासियों व ग्रामीणों की आय वृद्धि के विभिन्न संसाधन और स्थायी व अस्थायी रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध होंगे।क्षेत्र के विकास व जन कल्याण को समय-समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लाभप्रद योजनाएं बनाई जाएंगी। इससे पलायन की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकेगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि आज बैठक में उठाए गए बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर शीघ्र ही अगली बैठक बुलाई जाएगी।
जल का तीन प्रतिशत उत्तराखंड को मिलेगा
किसाऊ परियोजना (Kisau Project) के क्रियान्वयन का कार्य उत्तराखंड एवं हिमाचल का संयुक्त उपक्रम किसाऊ कारपोरेशन लिमिटेड कर रहा है। यह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी बांध परियोजना होगी। इसकी ऊंचाई 236 मीटर एवं लंबाई 680 मीटर होगी।उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर टौंस नदी पर प्रस्तावित इस परियोजना का बांध बनने से जल भंडारण का 93 प्रतिशत भाग हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को मिलेगा। तीन-तीन प्रतिशत भाग उत्तराखंड और हिमाचल के हिस्से में आएगा।
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