उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा- हम हर कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं
कैबिनेट न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को विचलन से महामहिम राज्यपाल को अग्रसारित कर दिया है। यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी वो सभी इस अध्यादेश से आच्छादित होंगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए छात्रहित सर्वोपरि है। भर्ती परीक्षाओं में शुचिता एवं पारदर्शिता के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है।
अब सभी भर्ती परीक्षाएं इस कानून से आच्छादित होंगी। बीते रोज युवाओं के आंदोलन के दौरान पथराव को लेकर नाम लिए बगैर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक संगठन जो देश और प्रदेश में अपनी जमीन पूरी तरह खो चुके हैं, आंदोलन को हिंसात्मक बनाने के लिए युवाओं के बीच अनावश्यक आ गए। प्रशासन ऐसे व्यक्तियों का पता लगाएगा।
सरकार का ध्येय हर कीमत पर छात्र हित
मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार का ध्येय हर कीमत पर छात्र हित है। इसीलिए जिन भी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल निरस्त करते हुए नई तिथि घोषित की। परीक्षा निरस्त होने से अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निश्शुल्क व्यवस्था की गई। परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल विरोधी अध्यादेश पहले 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट में लाया जाना था। किन्हीं कारणों से कैबिनेट में देरी हो गई। नकल विरोधी अध्यादेश को उन्होंने विचलन से स्वीकृति देकर राज्यपाल को अग्रसारित किया गया। अब यह कानून बन चुका है।
युवाओं और परीक्षार्थियों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अब भर्ती परीक्षाएं निष्पक्षता और पारदर्शिता से होंगी। युवा परीक्षाओं की तैयारी में लग जाएं। किसी तरह की अफवाह पर न जाएं। उन्होंने कहा कि कुल राजनीतिक संगठन छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर काम कर रहे हैं। ऐसे लोग अनावश्यक रूप से छात्र आंदोलन के बीच घुस गए। इनकी पहचान की जाएगी।