स्टिंग पर गरमाई सियासत, सीएम बोले; मैदान में स्क्रीन पर सबूत दिखाएं इंदिरा
कुछ समय पूर्व के चर्चित स्टिंग प्रकरण को लेकर सूबे की सियासत फिर गरमाने लगी है। सीएम ने कहा कि यदि इंदिरा के पास सबूत हैं तो वह मैदान में स्क्रीन पर दिखाएं।
By Edited By: Updated: Mon, 10 Dec 2018 08:44 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कुछ समय पूर्व के चर्चित स्टिंग प्रकरण को लेकर सूबे की सियासत फिर गरमाने लगी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के इस मामले में सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों के स्टिंग उनके पास होने को लेकर दिए गए बयान के बाद अब सरकार भी हमलावर हुई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा है कि यदि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के भीतर दम और नैतिकता है तो वह अपने बयान को साबित करें और देहरादून के परेड मैदान में बड़ी स्क्रीन पर इसे दिखाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि हालिया निकाय चुनावों में इंदिरा हृदयेश ने उन्हें हल्द्वानी में हलका हाथ रखने का संदेश भी भिजवाया था। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने सरकार पर भी सीधा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि उनके पास सरकार में शामिल लोगों के परिजनों और उनके निकट के अधिकारियों के खिलाफ स्टिंग हैं। उन्हें ये स्टिंग मामले में जेल भेजे गए लोगों के समर्थकों ने दिए हैं। वह इन सुबूतों को लोकायुक्त को ही सौंपेंगी।
उनके इस बयान को सीधा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जोड़ कर देखा गया। एक कार्यक्रम में इस संबंध में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संयम तरीके से नेता प्रतिपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इंदिरा हृदयेश प्रदेश की वरिष्ठ राजनेताओं में से हैं। वह इस मसले पर कुछ कहना नहीं चाह रहे थे, लेकिन अब वह चुनौती देते हैं कि वह इस स्टिंग को दिखाएं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के बयान को निकाय चुनावों से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में पुत्र की हार से वह बौखलाई हुई हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने अपने नजदीकी से यह संदेश भिजवाया था कि मुख्यमंत्री से कहें कि चुनाव में हलका हाथ रखें।
गौरतलब है कि हल्द्वानी नगर निगम के महापौर पद के लिए इंदिरा हृदयेश के पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पार्टी के कार्यकर्ता व सिपाही हैं। पार्टी का जो कार्यकर्ता हैं, वे उनकी जिम्मेदारी है और वह पूरे मनोयोग से उनके साथ रहते हैं। मुख्यमंत्री के बयान पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति पर वह आज भी जोर दे रही हैं। जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार पर तभी काम हो सकता है जब लोकायुक्त की नियुक्ति हो। ये सुबूत लोकायुक्त को दिए जाएंगे तभी उन पर न्याय हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लोकायुक्त की नियुक्ति कर दें तो इन सुबूतों को परेड ग्राउंड में दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सारा मामला अपने आप सामने आ जाएगा। वह ये सुबूत उन लोगों को नहीं देंगी, जो उनसे जुड़े हुए हैं। वहीं निकाय चुनावों के संबंध में उन्होंने कहा चुनाव को लेकर उनकी किसी से भी इस तरह की बात नहीं हुई और न ही उन्होंने ऐसा कोई संदेश भिजवाया। पता नहीं मुख्यमंत्री ऐसा किस आधार पर कह रहे हैं।
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