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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की हर 10 दिन में होगी समीक्षा: कौशिक

कैबिनेट मंत्री कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की हर 10 दिन में समीक्षा की जाएगी। अगर कहीं किसी प्रकार की कोई कठिनाई आती है तो उसे तत्काल दूर कराया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 11 Jul 2020 05:28 PM (IST)
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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की हर 10 दिन में होगी समीक्षा: कौशिक
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि गांव लौटे प्रवासियों के साथ ही राज्य के निवासियों को स्वरोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक छतरी के नीचे लाया गया है। इसमें कुछ नई और विभागीय योजनाओं को जोड़कर आकर्षक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की हर 10 दिन में समीक्षा की जाएगी। अगर कहीं किसी प्रकार की कोई कठिनाई आती है तो उसे तत्काल दूर कराया जाएगा।

सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री कौशिक ने कहा कि प्रवासियों और राज्यवासियों को रोजगार मुहैया कराने की कोशिशों में सरकार गंभीरता से जुटी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को लाया गया है। अभी तक 3.27 लाख प्रवासी लौटे हैं। स्वयं के साधनों से भी प्रवासी आए हैं। सभी की संख्या पांच लाख के करीब बैठेगी। प्रवासियों में बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने क्षेत्र में हुनरमंद हैं। उन्हें अपने कौशल के अनुसार व्यवसाय चयन कर रोजगार का अवसर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में दिया गया है।

अब तक 15109 लोगों ने एमएसएमई में रोजगार को पंजीकरण कराया है और यह क्रम निरंतर चल रहा है। होप पोर्टल पर 17653 युवा पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने सहकारिता, डेयरी, मत्स्य, पशुपालन, कृषि, बागवानी, पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना, सीएम सौर स्वरोजगार योजना समेत अन्य योजनाओं का जिक्र भी किया और कहा कि लाखों की संख्या में इनके जरिए रोजगार मिलेगा।

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उन्होंने कहा कि सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि जिला उद्योग केंद्रों में काउंसिलिंग की व्यवस्था कराई जाए और रोजगार प्रदान करने को विशेष अभियान चलाया जाए। लोगों को बताया जाए कि तमाम व्यवसायों, विनिर्माण के क्षेत्र में 10 से 25 लाख तक के ऋण पर 15, 20 और 25 फीसद सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से प्रदेश के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नवीन सेवा, व्यवसाय और सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इससे पलायन थामने में भी मदद मिलेगी। 

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