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Teelu Rauteli Award: सीएम ने महिलाओं को किया सम्मानित, तीलू रौतेली पुरस्कार राशि में बढ़ोत्तरी का एलान

Teelu Rauteli Award तीलू रौतेली पुरस्कार की राशि में बढ़ोतरी का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया एलान किया है। अगले साल से 31 हजार और 21 हजार की राशि दी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:31 PM (IST)
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Teelu Rauteli Award: सीएम ने महिलाओं को किया सम्मानित, तीलू रौतेली पुरस्कार राशि में बढ़ोत्तरी का एलान
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए 21 महिलाओं और किशोरियों के साथ ही 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्त्री शक्ति तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार प्रदान किए गए। सचिवालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और महिला सशक्तीकरण और बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने छह महिलाओं को यह पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इन पुरस्कारों की राशि में 10-10 हजार रुपये बढ़ोतरी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से महिलाओं और किशोरियों को 31 हजार और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 21 हजार रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी। उधर, 37 महिलाओं और किशोरियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला स्तर पर ये पुरस्कार दिए गए। 

इस वर्ष तीलू रौतेली पुरस्कार वितरण समारोह को सीमित किया गया था। सचिवालय के सभागार में शनिवार शाम आयोजित मुख्य समारोह में देहरादून जिले की बैडमिंटन खिलाड़ी व प्रशिक्षक उन्नति बिष्ट, कोरोना काल में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संगीता थपलियाल और गीता मौर्य को स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सुधा, सीमा राणा व हयात फातिमा को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार प्रदान किए गए। 

देवभूमि के साथ ही वीरभूमि है उत्तराखंड 

इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीरभूमि भी है। देश की हिफाजत के लिए बलिदान देने वाला हर छठवां बलिदानी उत्तराखंड का है। इसीलिए प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में चारधामों के अतिरिक्त पांचवां सैन्यधाम भी बताया है। उन्होंने कहा कि वीरबाला तीलू रौतेली जैसे बलिदानी हमेशा हमारे प्रेरणास्रोत रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हों और इसके लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इस कड़ी में उन्होंने महिला किसानों व समूहों के लिए पांच लाख रुपये तक के ब्याजरहित ऋण की योजना का जिक्र किया। 

बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना जरूरी 

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना जरूरी है। उन पर भरोसा करना होगा। हमारी बेटियां हर क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अनाथालयों में रहने वाले बच्चों के 18 साल की आयु पूर्ण करने के बाद उनके लिए सरकारी सेवाओं में पांच फीसद आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने महिलाओं को संपत्ति खरीद में एक रुपये का शुल्क लेने के संबंध में भविष्य में विचार करने की बात कही। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने वीरांगना तीलू रौतेली के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर रोशनी डाली। 

भूमि पर पति के साथ पत्नी का भी होगा अधिकार 

उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के व्यापक हित में सरकार ने भूमि पर पति के साथ पत्नी को भी अधिकार देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि महिलाओं को 50 लाख रुपये तक की संपत्ति की खरीद पर मात्र एक रुपये शुल्क लिया जाए। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की सचिव सौजन्या, निदेशक वी.षणमुगम ने भी विचार रखे।

वीरांगना तीलू रौतेली

तीलू रौतेली उत्तराखंड की ऐसी वीरांगना है। जो केवल 15 साल की उम्र में रणभूमि में कूद गई थी। 7 साल तक उन्होंने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी। 15 से 20 साल की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली विश्व की एकमात्र वीरांगना है। जिनकी जयंती पर प्रदेश सरकार की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को हर साल पुरस्कृत किया जाता है

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