मंजूरी से पहले ही सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून में सीएनजी ऑटो के परमिटों पर भले ही अभी फैसला नहीं हुआ है लेकिन धंधेबाजों ने इन वाहनों के परमिट को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 25 Nov 2019 08:42 PM (IST)
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। दून शहर में सीएनजी ऑटो के परमिटों पर भले ही अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन धंधेबाजों ने इन वाहनों के परमिट को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है। यही नहीं शोरूमों में बाकायदा नए ऑटो की कोटेशन के साथ सीएनजी परमिट की रकम भी जोड़कर कुल कीमत बताई जा रही।
हैरतअंगेज यह है कि सीएनजी परमिट के नाम पर कोटेशन में जो धनराशि उल्लेख की जा रही, वह सरकारी दरों की तुलना में करीब 100 गुना अधिक है। शिकायत मिलने पर परिवहन मंत्रालय ने मामले में जांच बैठा दी है। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि बंसल ऑटोमोटिव शोरूम शिमला बाइपास रोड पर परमिट बेचे जाने की शिकायत मिली है। नोटिस भेजकर संचालक से जवाब मांगा गया है।
स्मार्ट सिटी के तहत दून शहर में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी एवं हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो संचालित करने का निर्णय संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था। आरटीओ को इनके परमिट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था। प्रस्ताव पर प्राधिकरण की मुहर लगना अभी बाकी है।
प्राधिकरण की बैठक चार नवंबर को होनी थी, जो टल गई। इधर, सरकार से परमिट की मंजूरी मिले बिना ही कुछ ऑटो शोरूम संचालकों ने सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी शुरू कर दी। सौदेबाजी सिर्फ शोरूम तक ही नहीं, बल्कि परिवहन विभाग के दफ्तर तक जुड़ी बताई जा रही।
ऐसा ही एक मामला बंसल ऑटोमोटिव शोरूम का सामने आया, जहां रायपुर निवासी सलीम अहमद को सीएनजी ऑटो की कोटेशन में परमिट की कीमत डेढ़ लाख रुपये जोड़कर बताई गई। इसमें ऑटो की कीमत दो लाख 5500 रुपये, बीमे के 9500 रुपये, जबकि पंजीकरण के 20 हजार रुपये जोड़े गए हैं। इसी कोटेशन में परमिट के लिए डेढ़ लाख भी रुपये भी जोड़े गए। वहीं, सरकारी दरों में ऑटो के परमिट की कीमत महज 1770 रुपये है। हैरानी की बात यह भी है कि जो परमिट अभी मंजूर ही नहीं हुए व जो सिर्फ आरटीओ से ही मिल सकते हैं उसे शोरूम में किसकी शह पर बेचा जा रहा।
बोले मंत्री जीपरिवहन मंत्री यशपाल आर्य का कहना है कि परिवहन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार पर अब जांच का नहीं बल्कि कार्रवाई का वक्त आ गया है। विभाग की मिलीभगत की हर रोज शिकायतें मिल रही हैं। परमिट शोरूम संचालक कैसे बेच सकता है। यह मामला बेहद गंभीर है। जांच कराई जा रही है। इस मामले में शोरूम संचालक समेत आरटीओ अफसरों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। दिनेश चंद्र पठोई (आरटीओ देहरादून) का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में है। अभी सीएनजी ऑटो के लिए परमिट दिए ही नहीं जा रहे तो शोरूम वाले कैसे परमिट की सौदेबाजी कर रहे। परमिट वैसे भी परिवहन कार्यालय से दिया जाता है। ऑटो शोरूम संचालक के ट्रेड सर्टिफिकेट के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। संचालक को नोटिस भी भेजा गया है।
यह भी पढ़ें: आरटीओ के करोड़पतियों पर है खुफिया नजर, गुप्त ढंग से जांच शुरूआशीष बंसल (संचालक बंसल ऑटोमोटिव) का कहना है कि मोहम्मद सलीम ने हमारे यहां से 25 अक्टूबर से पूर्व ऑटो के लिए दो कोटेशन बनवाई थी। जिसमें मूल कीमत, बीमा एवं पंजीकरण शुल्क जोड़ा गया था। इसके बाद नई कोटेशन में परमिट शुल्क किसने जोड़ा, इसमें हम अपने स्टॉफ की जांच कर रहे।
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