ढाई साल की बच्ची की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की, वापस मिली सुनने की शक्ति
देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने ढाई साल की बच्ची की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कर सुनने की शक्ति वापस ला दी है। बच्ची जन्मजात बोलने सुनने में असमर्थ थी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 31 May 2019 09:12 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने ढाई साल की बच्ची की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कर सुनने की शक्ति वापस ला दी है। बच्ची जन्मजात बोलने सुनने में असमर्थ थी। ऑपरेशन के बाद बच्ची की स्पीच थैरपी का कोर्स चल रहा है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की एडिप स्कीम के अन्तर्गत अनुबंधित अस्पताल है। इस योजना के तहत बच्चों की निश्शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की जाती है। वैसे कॉक्लियर इम्प्लांट का खर्च 10 लाख से 13 लाख रुपये तक आ जाता है। अस्पताल में एडिप स्कीम के अन्तर्गत कॉक्लियर इम्प्लांट का यह पहला मामला है। अस्पताल के चेयरमैन श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह योजना उत्तराखंड राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। विदित हो कि सहारनपुर के गंगो निवासी संदीप कुमार की ढाई साल की बेटी अवनी को जन्म से ही न बोल पाने व न सुन पाने की परेशानी थी। बच्ची के परिजनों ने कई अस्पतालों में संपर्क किया लेकिन उपचार उपलब्ध न हो पाने व खर्च ज्यादा होने के कारण वे बच्ची का इलाज नहीं करवा पा रहे थे। परिजनों ने अस्पताल के नाक-कान-गला रोग विभाग में संपर्क किया। विभागाध्यक्ष डॉ (कर्नल) वीपी सिंह, डॉ तृप्ति ममगाईं, डॉ. माधुरी, डॉ. तनवी व टीम ने 16 मई को अवनी का सफल ऑपरेशन किया। डॉ. सिंह ने बताया कि पांच वर्ष तक के जन्मजात गूंगे-बहरे व जन्म के पश्चात बहरेपन की शिकायत वाले 12 वर्ष तक के बच्चे एडिप स्कीम के अंतर्गत निश्शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी का लाभ अस्पताल में ले सकते हैं।
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