अवॉर्ड सेरेमनी में आइएमए कैडेट्स को मिला काबिलियत का इनाम
भारतीय सैन्य अकादमी के खेत्रपाल सभागार में अवॉर्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेरेमनी का आयोजन किया गया। अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने जेंटलमैन कैडेट्स को सम्मानित किया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:28 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में कड़े प्रशिक्षण के बाद सैन्य अफसर बनने से महज कुछ कदम दूर जेंटलमैन कैडेट्स को उनकी काबिलियत का इनाम मिला। मौका था अवार्ड सेरेमनी का, जिसमें कैडेट्स को व्यक्तिगत उत्कृष्टता, रोलिंग ट्रॉफीज व बैनर्स से नवाजा गया। अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा ने भावी अफसरों को देश की आन, बान और शान की रक्षा के मूलमंत्र दिया। इस अवसर पर उन्होंने 'सैल्यूट' व 'क्वेस्ट' नाम की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।
बुधवार को कमांडेंट ने देश के भावी सैन्य अफसरों को विभिन्न पुरस्कार से सम्मानित किया। खेत्रपाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले समस्त कैडेटों को बधाई दी। कमान्डेंट ने कहा कि जिन कैडेटों को पुरस्कार नहीं मिला, वह भी खुद को कमतर न समझें। अकादमी के उच्च स्तरीय मानकों पर खरे उतरकर ही वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि रणभूमि में कोई रनरअप नहीं होता। वहां बस जीत या हार होती है और जीत एक आदमी के बूते नहीं आती। ऐसे में व्यक्तिवादी न होकर इंसान को टीम भावना से काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा जिंदगी में तमाम तरह की चुनौतियों से सामना होगा और कई बार डर व कुंठा भी हावी होने लगेंगे। सोच सकारात्मक रखें और इस सबसे उबरकर खुद को सच्चा योद्धा साबित करें। हरेक चुनौती को अवसर के तौर पर लें। उन्होंने दृढ़ व धैर्यवान होने का मंत्र भी कैडेटों को दिया। कहा कि एक अच्छे लीडर के लिए धैर्य, साहस, ज्ञान व बुद्धिशीलता बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर सेना के विभिन्न अफसरों समेत जेंटलमैन कैडेट उपस्थित थे।
ठाकुर व्यक्तिगत उत्कृष्टता का सम्मान
मेडल/ट्राफी उत्कृष्टता कैडेट
पैराशूट रेजीमेंट मेडल - धैर्य एवं शारीरिक दृढ़ता-अतुल तिवारी
सिख रेजीमेंट सिल्वर मेडल- खेल- अर्जुन ठाकुरडोगरा रेजीमेंट एंड स्काउट विंग मेडल- आब्स्टेकल प्रतियोगिता-भास्कर नारायण
मराठा लाइ मेडल-पीटी-भास्कर नारायण सिख लाइ सिल्वर मेडल-टर्नआउट एंड ड्रिल-मयूर नगरकोटी
कॉप्र्स ऑफ सिग्नल्स मेडल- विज्ञान एवं युद्ध कौशल-ध्रुव चौधरी 9 जीआर मेडल-मिलेट्री स्टडीज-गुरवंश सिंह गोसाल
राजपूत रेजीमेंट सिल्वर मेडल-एकेडमिक्स-गुरवंश सिंह गोसाल ब्रिगेड ऑफ द गार्डस मेडल- सर्विस सब्जेक्ट-गुरवंश सिंह गोसाल
राजपुताना राइफल मेडल-नीतिगत दक्षता-गुरवीर सिंह तलवार 8 जीआर मेडल-वेपन ट्रेनिंग-अतुल तिवारी
जाट रेजीमेंट सिल्वर मेडल-ओक्यू-भास्कर नारायण एएससी मेडल-गोल्फ-अभिराज हजेला ग्रेनेडियर्स ट्राफी-इन्सास राइफल-राजेंद्र सिंह मोटीवेशन ट्राफी-मोस्ट मोटिवेटेड-भास्कर नारायण बुक प्राइज अवार्ड कैडेट एम एंड डी क्लब, बृजेश पाल सिंह जर्नलिज्म क्लब, चिराग शर्मा एकेडमिक्स, नारायण चौधरी रोलिंग ट्राफी (व्यक्तिगत)राजा ऑफ फरीदकोट ट्राफी-बेस्ट इन इंसास एलएमजी-राजेंद्र सिंह मेजर शैतान सिंह ट्राफी-बेस्ट इन वैपन ट्रेनिंग-राजेंद्र सिंह डक्कन होर्स ट्राफी-बेस्ट राइडर-अब्दुल अजीज रोलिंग ट्रॉफी (कंपनी) सर अलविन एजरा ट्राफी-फर्स्ट इन वैपन ट्रेनिंग-डोगराईद नवाब ऑफ जोरा ट्राफी-सेकेंड इन वैपन ट्रेनिंग-चुशूल इंटर कंपनी फिजिकल ट्रेनिंग कप-फस्र्ट इन फिजिकल ट्रेनिंग-डोगराई 3वीं गोरखा रेजीमेंट ट्राफी-सेकेंड इन फिजिकल ट्रेनिंग-कसीनो बर्मा आर्मी ट्राफी-फर्स्ट इन स्पोर्ट्स-डोगराईएयर चीफ मार्शल दिलबाग सिंह ट्राफी-सेकेंड इन स्पोट्र्स-नौशेरा सेंट्रल इण्डियन होर्स ट्राफी-फर्स्ट इन इक्वेस्ट्रीअन-सैंगरोपीबीजी ट्राफी-सेंकेंड इन इक्वेस्ट्रीअन-कसीनो गवर्नर ऑफ उत्तराखंड ट्रॉफी-फर्स्ट इन एकेडमिक्स-सैंगरो एडीजी एइ ट्राफी-सेकेंड इन एकेडमिक्स-बसंतर इंटीरियर इकोनॉमी ट्राफी-फर्स्ट इन इंटीरियर इकोनॉमी-सैंगरो आर्मी कमांडर आरट्रैक बैनर- सेकेंड इन इंटर कंपनी चैम्पियनशिप-बसंतर कुमाऊं ट्रॉफी-फर्स्ट इन इंटर कंपनी चैम्पियनशिप-सैंगरो चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ट्रॉफी-फर्स्ट इन प्रोफेशनल कंप्टीशन-बसंतर इन्हें मिले प्लेक फर्स्ट इन सिल्वर चेन- सिंहगढ़ कंपनी सेकेंड इन सिल्वर चेन- कैरन कंपनी फस्र्ट इन गोल्डन रिंग- जोजिला कंपनी सेकेंड इन गोल्डन रिंग- कोहिमा कंपनी विदेशी कैडेट्स को सर्टिफिकेटआइएमए में प्रशिक्षण के दौरान विदेशी कैडेट उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से डिप्लोमा भी करते हैं। पुरस्कार वितरण समारोह में इन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीके सिंह ने सर्टिफिकेट प्रदान किए। पासिंग आउट परेड में शामिल होने जा रहे सात देशों के विदेशी कैडेटों को ये सर्टिफिकेट दिए गए। प्रशिक्षकों को भी किया सम्मानित आइएमए में इस बार एक नई परम्परा की नींव पड़ी। यह पहला मौका है जब अकादमी ने प्रशिक्षकों को भी सम्मानित किया। यही लोग हैं जो संस्थान में आने वाले युवाओं को एक योद्धा के रूप में तराशते हैं। वैसे भी जहां आज आइएमए स्थापित है वहां कभी गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को शिक्षा दी थी। ऐसे में अवॉर्ड सेरेमनी में प्रशिक्षिकों को सम्मानित कर इस बार एक नया अध्याय लिखा गया है। यह भी पढ़ें: 37 कैडेट्स भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में हुए शामिलयह भी पढ़ें: सेना प्रमुख बिपिन रावत बोले, हर कदम पर मिलेंगी चुनौतियां; डटकर करें मुकाबलायह भी पढ़ें: भारतीय सैन्य अकादमी की पीओपी में आर्मी वाइस चीफ होंगे रिव्यू अफसर
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