लोकसभा चुनाव: सोशल मीडिया की निगरानी को बनी कमेटी
सियासी दलों को अब सोशल मीडिया पर प्रचार भारी पड़ेगा। चुनाव आयोग की ओर सोशल मीडिया की निगरानी के लिए अलग से मानीटरिंग कमेटी गठित कर दी है।
By Edited By: Updated: Tue, 12 Mar 2019 03:01 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। वाट्सएप, फेसबुक से लेकर ट्वीटर तक पर हरवक्त सक्रिय रहने वाले सियासी दलों को अब सोशल मीडिया पर प्रचार भारी पड़ेगा। चुनाव आयोग की ओर सोशल मीडिया की निगरानी के लिए अलग से की गई व्यवस्था के तहत सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मानीटरिंग कमेटी गठित कर दी गई है। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस को भी शामिल किया गया है।
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया का नेताओं ने जमकर उपयोग किया था। वाट्सएप, फेसबुक व ट्वीटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उम्मीदवार की हर गतिविधि को प्रचारित करने के लिए उम्मीदवारों ने बाकायदा टीम बना रखी थी, लेकिन इस बार सोशल मीडिया को लेकर निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अख्तियार किया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की पूरी जानकारी देनी होगी।आयोग की अनुमति के बगैर उम्मीदवार प्रचार करने वाला कोई पोस्ट नहीं डालेंगे। वहीं गूगल या फिर फेसबुक पर विज्ञापन भी बिना आयोग की अनुमति के नहीं दिया जा सकेगा। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर चलाए गए कैंपेन पर कितना खर्च आया, यह भी उम्मीदवार को बताना होगा। यह खर्च भी उम्मीदवार के सकल चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। बता दें कि पिछले चुनाव तक केवल प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में दिए गए विज्ञापनों का ब्योरा देना होता था।
गीत, भाषण की भी लेनी होगी अनुमति सोशल मीडिया पर उम्मीदवार की ओर से चुनावी गीत, रिकार्डेड भाषण या अन्य कोई सामग्री अपलोड करने से पहले उसे निर्वाचन आयोग को दिखाना होगा। मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मानीटरिंग कमेटी उसकी बारीकी से परीक्षण करेगी। इसके बाद आयोग उसे सोशल मीडिया पर डालने की अनुमति देगा। साइबर सेल भी करेगा मानीटरिंग लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस का साइबर सेल भी सोशल मीडिया पर होने वाली हर गतिविधि की बारीकी से निगरानी करेगा। इसमें चुनाव प्रचार के अलावा धार्मिक उन्माद से लेकर अफवाहों को लेकर प्रसारित होने वाले संदेशों पर नजर रखेगी।श्वेता चौबे (एसपी सिटी) का कहना है कि सोशल मीडिया की निगरानी को बनाई गई कमेटी में एक पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। वहीं पुलिस का साइबर सेल भी निगरानी करेगा।
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