उत्तराखंड : उपनल कर्मियों की समस्याओं के निराकरण को समिति, पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने उपनल कार्मियों की समस्याओं के निराकरण को मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति में उपनल कर्मचारी महासंघ के दो पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 25 Mar 2021 09:43 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने उपनल कार्मियों की समस्याओं के निराकरण को मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति में उपनल कर्मचारी महासंघ के दो पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रदेश में इस समय उपनल कर्मी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनकी मुख्य मांग नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन है। इस मांग को लेकर उनका कार्यबहिष्कार आंदोलन भी जारी है। दरअसल, प्रदेश में इस समय छह हजार से अधिक उपनल कर्मी विभिन्न विभागों में तैनात हैं। ये कंप्यूटर आपरेटर से लेकर अनुसेवक तक का कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में होमगार्ड को पुलिस कांस्टेबल के समान मानदेय मिलने के बाद से ही ये सभी समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं।इसके अलावा इनका यह भी कहना है कि सरकार ने वर्ष 2012 से पूर्व संविदा कर्मियों को नियमित किया है। उपनल कर्मी इससे भी पहले से विभागों में सेवाएं दे रहे हैं, इस कारण इन्हें भी नियमित किया जाए। इन मांगों पर सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने के कारण उपनल कर्मी आंदोलनरत हैं।
अब उनकी समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। इस समिति में अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण, प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त, सचिव कार्मिक व प्रबंध निदेशक उपनल को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा इसमें दो उपनल कर्मी भी शामिल रहेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि उपनल कार्मिकों का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यथासंभव उनके हित सुनिश्चित किए जाएंगे। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि उपनल कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार हो। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार कृतसंकल्प है।
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