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दून महिला अस्पताल में ही ठेले जा रहे मरीज, अन्य जगह रेफर करने मिल रही दुत्कार

अब भी दून महिला अस्पताल में मरीज ठेले जा रहे हैं। उन्हें यहां से रेफर किया जाता है तो अन्य जगहों से भी उन्हें दुत्कार ही मिलती है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 05 Dec 2018 01:26 PM (IST)
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दून महिला अस्पताल में ही ठेले जा रहे मरीज, अन्य जगह रेफर करने मिल रही दुत्कार
देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य सचिव के कड़े रुख के बाद भी अधिकारी-कर्मचारी काम का ढर्रा नहीं बदल रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि दून महिला अस्पताल का लोड कम करने के लिए अन्य अस्पताल सामान्य डिलिवरी अपने स्तर पर निपटाएं। पर मरीज तब भी दून महिला अस्पताल में ही ठेले जा रहे हैं। बल्कि दून महिला अस्पताल से अन्य जगह रेफर करने पर उन्हें दुत्कार मिल रही है। 

दून महिला अस्पताल में बीती रात छह मरीजों को लाया गया। इन मरीजों का आरोप था कि इससे पहले वह गांधी नेत्र चिकित्सालय में गए। जहां उन्हें सुविधा न होने का हवाला देकर दून महिला अस्पताल भेज दिया गया। रायपुर निवासी एक गर्भवती को रात ग्यारह बजे प्रसव पीड़ा होने के कारण गांधी नेत्र चिकित्सालय ले गए। जहां महिला को जांच कर ऑपरेशन के लिए कहकर दून महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसके बदले में यह हवाला दिया गया कि वहां पर सुविधा नहीं है। 

इस पर महिला के परिजन उसे दून महिला अस्पताल ले गए। जहां महिला का देर रात को ही बच्ची का जन्म हुआ। यह बच्ची सामान्य डिलीवरी से हुई। इस पर परिजनों ने गांधी नेत्र चिकित्सालय पर ही सवाल उठा दिए। नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला के अनुसार अस्पताल अभी-अभी अस्तित्व में आया है। जिस कारण सुविधा-संसाधन सीमित हैं। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी। ऐसा स्टाफ की कमी के कारण भी हो सकता है। 

दोपहर तीन से सुबह आठ बजे तक  बिना जांच एंट्री नहीं 

दून महिला अस्पताल में सुरक्षा पर उठे सवाल के बीच अस्पताल प्रशासन व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुट गया है। मंगलवार को प्राचार्य डॉ. नवीन थपलियाल चिकित्सा व अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के साथ भी बैठक की। रविवार रात सहस्त्रधारा रोड निवासी मरीज शबाना का सर्जिकल वार्ड में घुसकर संदिग्ध के गला दबाने की घटना हुई थी। 

मंगलवार सुबह प्राचार्य और चिकित्सा अधीक्षक ने महिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों की बैठक लेकर उन्हें सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। तय किया गया कि दोपहर तीन बजे से सुबह आठ बजे के बीच किसी भी व्यक्ति को अब बिना आइडी जांच किए एंट्री नहीं दी जाएगी। वहीं, अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदार भी केवल पास होने पर ही अस्पताल में दाखिल हो सकेंगे। वहीं, स्त्री एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. चित्रा जोशी के साथ उन्होंने ओटी और लेबर रूम का भी निरीक्षण किया। यहां व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए। 

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