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कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को हरीश रावत के जनसंपर्क अभियान से चुनौती

प्रदेश कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा शुरू तो कर दी, लेकिन संगठन के इस कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनसंपर्क कार्यक्रम से ही चुनौती मिल रही है।

By Edited By: Updated: Fri, 25 Jan 2019 12:16 PM (IST)
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कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को हरीश रावत के जनसंपर्क अभियान से चुनौती
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कांग्रेस का एकमात्र मिशन लोकसभा चुनाव में कुछ कर गुजरने के जज्बे के साथ चुनावी जंग में खम ठोकना है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा शुरू तो कर दी, लेकिन संगठन के इस कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनसंपर्क कार्यक्रम से ही चुनौती मिल रही है। खराब मौसम ने पर्वतीय क्षेत्रों में प्रदेश संगठन की परिवर्तन यात्रा में खलल भले ही डाल दिया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत जनसंपर्क अभियान की अपनी मुहिम बदस्तूर जारी रखे हैं। 

ये हरीश रावत के सियासी अंदाज का ही कमाल है कि प्रदेश संगठन को मौसम का मिजाज बदलने के साथ ही तुरंत बाधित परिवर्तन यात्रा को शुरू करना पड़ा है। प्रदेश संगठन ने दूसरे चरण की यात्रा की तारीख 29 जनवरी से तय कर दी है। 

कांग्रेस हाईकमान के लोकसभा चुनाव के लिए मजबूती से तैयारी करने के निर्देशों के बाद प्रदेश में पार्टी संगठन और दिग्गज नेता सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बीती 21 जनवरी से टिहरी संसदीय सीट के जौनसार बावर क्षेत्र से परिवर्तन यात्रा प्रारंभ की थी। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की मौजूदगी में परिवर्तन यात्रा का जोर-शोर से आगाज हुआ था। यह दीगर बात है कि पर्वतीय क्षेत्र में शुरू की गई इस परिवर्तन यात्रा पर मौसम ने खलल डाल दिया। भारी बर्फबारी के चलते प्रदेश संगठन ने अपनी परिवर्तन यात्रा बीच में ही रोक दी। 

हालांकि, प्रदेश संगठन की इस परिवर्तन यात्रा को पार्टी के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से पहले ही दिन से चुनौती मिल रही है। रावत पार्टी के भीतर और प्रदेश की सियासत पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं। 

लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के प्रमुख दावेदारों में शुमार हरीश रावत हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में गन्ना-गंगा यात्रा के जरिये अपनी पुरजोर मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं। यही नहीं हरीश रावत कुमाऊं मंडल में म्यर मैत कार्यक्रम के जरिये संसदीय क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान छेड़े हुए हैं। 

यह दीगर बात है कि उन्होंने प्रदेश संगठन की परिवर्तन यात्रा में भी शिरकत करने का भरोसा दिलाया है, लेकिन अभी तक वह कहां और किसतरह परिवर्तन यात्रा से तालमेल बिठाएंगे, इसकी सूचना प्रदेश संगठन के पास भी नहीं है। 

खास बात ये भी है कि हरीश रावत ने खराब मौसम के बावजूद अपनी सियासी सक्रियता और जनसंपर्क अभियान बाधित नहीं होने दिया है। नतीजतन प्रदेश संगठन पर भी इसका दबाव साफ नजर आ रहा है। प्रदेश संगठन अपनी बाधित परिवर्तन यात्रा को 25 जनवरी से प्रारंभ कर रहा है। यह 27 जनवरी तक चलेगी। इसके बाद 29 जनवरी से नैनीताल संसदीय सीट के लिए परिवर्तन यात्रा का आरंभ खटीमा से किया जाएगा। 

हालांकि, इस संसदीय क्षेत्र के कई हिस्सों का दौरा हरीश रावत पहले ही कर चुके हैं। फिलहाल परिवर्तन यात्रा में प्रदेश संगठन और हरीश रावत के होने वाले संगम पर राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें भी जमी हुई हैं।

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